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नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा को अब 'सुसाइड फैक्ट्री' कहा जा सकता है. इस शहर में जिस तरह से बच्चे आत्महत्या कर रहे हैं वह अपने आप में चौंकाने वाला है. यहां पढ़ने वाले बच्चों पर इतना तनाव रहता है कि अंत में उनमें से कुछ बच्चे आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाते हैं. कोटा से एक बार फिर ऐसी खबर सामने आई है, जहां एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली है. उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में एक 17 वर्षीय छात्रा ने जहर खाकर कोटा में आत्महत्या कर ली. छात्र का नाम प्रियम सिंह था, जो पिछले डेढ़ साल से कोटा में रहकर नीट की तैयारी कर रही थी. सुसाइड के बाद पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है कि आखिर लड़की ने ऐसा कदम क्यों उठाया?
मृतक छात्र के पिता ने कोचिंग पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. पिता ने कहा कि इंस्टीट्यूट से पढ़ाई का बहुत दबाव था. जिसके कारण मेरी बेटी ने ऐसा किया है. मैं इसकी लिखित शिकायत करूंगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हर बच्चे का एक फ्रेंड सर्कल होता है, इसमें प्रेम प्रसंग का एंगल जोड़ना ठीक नहीं है. वही पिता ने आगे कहा कि पिता का आरोप है कि कोचिंग संस्थान द्वारा उन्हें लगातार डराया और धमकाया जा रहा है.
आपको बता दें कि कोटा पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 2015 में 17 छात्रों की आत्महत्या से मौत हुई थी. तब से यह आंकड़ा 2016 में 16, 2017 में सात, 2018 में 20 और 2019 में 8 है. 2020 और 2021 के कोविड के साल में आत्महत्या में गिरावट देखी गई. वहीं 2022 में यह आंकड़ा फिर 15 तक पहुंच गया. इस साल की बात करें तो अब तक 25 छात्रों ने सुसाइज कर लिया है.
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Manish Sahu
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