राजस्थान

मनरेगा में राज्य-राष्ट्रीय मजदूरी करने वाले खिलाडि़यों की अटकी इनामी राशि

HARRY
27 Jan 2023 6:58 PM GMT
मनरेगा में राज्य-राष्ट्रीय मजदूरी करने वाले खिलाडि़यों की अटकी इनामी राशि
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बांसवाड़ा खेलों में राजस्थान का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ी खुद गुमनामी में जी रहे हैं। आलम यह है कि गोल्ड और सिल्वर मेडल लाने वाले खिलाड़ी अब मजदूरी कर अपना घर चला रहे हैं। कर्ज लेकर तैयार हुए खिलाड़ी, मेडल भी जीते, लेकिन विभाग पिछले 4 साल में खिलाड़ियों को मेडल की इनामी राशि तक नहीं दे सका. राजस्थान के 1476 खिलाड़ियों के लिए 25.13 करोड़ की इनामी राशि बाकी है।
सबसे ज्यादा परेशानी पैरा खिलाड़ियों (दिव्यांग) को हो रही है। प्रदेश के 333 पैरा खिलाड़ियों को 9.73 करोड़ रुपए की इनामी राशि नहीं मिल पाई है। मजबूर दिव्यांग खिलाड़ी खेत, मनरेगा के अलावा अपनी दुकान खोलकर किसी तरह अपना घर चला रहे हैं। खेल नीति के अनुसार नेशनल में मेडल जीतने वाले खिलाड़ी को 6 माह के अंदर प्रक्रिया पूरी कर सरकारी नौकरी देनी होती है, लेकिन करीब 150 खिलाड़ियों की नियुक्ति अटकी हुई है. भीलवाड़ा के गुलाबपुरा की रहने वाली एथलीट कंचनबाला ने नेशनल में गोल्ड जीता, लेकिन इनामी राशि 10 लाख रुपये बाकी है. वह मनरेगा में मजदूरी का काम कर रही है। किराए के मकान में रहती है, पति भी मजदूरी करता है। कंचन ने बताया कि वह बच्चों को ठीक से पढ़ा नहीं पा रही थी। उन्होंने स्टेट में 7 गोल्ड, 10 सिल्वर, 1 ब्रॉन्ज और नेशनल में 1 गोल्ड, 4 सिल्वर, 1 ब्रॉन्ज जीता है।
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