राजस्थान

चारे-पानी की तलाश में दर-दर भटकने को मजबूर आवारा गोवंश

Admin Delhi 1
26 Dec 2022 1:38 PM GMT
चारे-पानी की तलाश में दर-दर भटकने को मजबूर आवारा गोवंश
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रामगढ़ पचवारा: दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा क्षेत्र के आवारा गोवंश कड़ाके की सर्दी में चारा पानी की तलाश में दर-दर भटकने को मजबूर हैं। यहां तक की अपने पेट की भूख मिटाने के लिए कई तकलीफों का सामना भी करना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर किसानों को अपनी फसल बचाने के लिए कड़ाके की ठंड में रातभर जागकर पहरा देना पड़ता है।

प्रदेश सरकार ने इन आवारा गोवंशों के संरक्षण के लिए पंचायत मुख्यालयों पर नंदी गोशाला खोले जाने की घोषणा भले ही कर दी हो, लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी अभी तक गोशाला का निर्माण कार्य धरातल पर नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में ये आवारा गोवंश पेट की भूख मिटाने के लिए आए दिन खेतों की तारबंदी, मेड़ आदि को लांघकर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसके चलते इन्हें किसानों की मार भी झेलनी पड़ती है एवं तारबंदी छेकते समय शारीरिककष्टों का भी सामना करना पड़ता है। आए दिन ये गौवंश सड़क पार करते हुए दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं।

मंत्री ने की थी रणथम्भौर के जंगलों में छुड़वाने की घोषणा: लालसोट विधायक एवं चिकित्सा मंत्री ने गत विधानसभा चुनाव के दौरान चुनावी सभा में उपस्थित हजारों लोगों को संबोधित करते हुए इन आवारा गोवंशों का संरक्षण करने एवं आवारा सांडों को रणथम्भौर के जंगलों में छुड़वाने का वादा किया था, लेकिन आज उनके कार्यकाल के पूरे चार साल बीत जाने के बाद भी ये ये गोवंश चारे पानी की तलाश में घूम-घूम कर किसानों की फसलें चौपट कर रहे हैं।

चारागाह भूमि तक पहुंचने के सभी रास्ते बंद: क्षेत्र में दस हजार बीघा चारागाह भूमि राजकीय रिकॉर्ड में है। चारागाह भूमि से अतिक्रमण भी हटाए जाते हैं, लेकिन इन पर फिर अतिक्रमी काबिज हो जाते हैं। पशुओं को पहुंचने के रास्ते नहीं है। इस भूमि पर बरसात में उगने वाली घास इन आवारा गोवंशों के लिए सालभर के लिए पर्याप्त है।

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