जयपुर न्यूज़: राज्य सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने अपने 21 माह के कार्यकाल में 7 हजार से ज्यादा मामलों का निस्तारण किया है। इसमें 389 परिवाद भी शामिल है। कुछ मामलों में अफसरों की सेवा पुस्तिका में इंद्राज का भी आदेश दिया गया। बारेठ ने जिन अधिकारियों पर जुर्माना लगाया है ,उनमे सबसे अधिक ग्रामीण विकास और पंचायत राज के अधिकारी है। इनकी संख्या 200 से भी अधिक है। जिन अफसरों पर जुर्माना लगाया है उनमे 35 नगरीय विकास और स्थानीय निकाय विभाग के है। अपने विदाई कार्यक्रम में बारेठ ने कहा लॉक डाउन की वजह से 3 माह का अधिक समय व्यर्थ चला गया और सुनवाई नहीं हो सकी। इस रूप में उन्हें 17 से कुछ अधिक का ही समय मिल सका है। बारेठ ने कहा उन्होंने अपने काम को इबादत की तरह किया है और उन आवेदनों को महत्व दिया जिनका कोई पैरोकार नहीं था। इनमे कोई पेंशन का मामला था तो कोई अपने खेत मकान के कागजात मांग रहा था। कार्यक्रम में मुख्य सूचना आयुक्त डी बी गुप्ता ,सूचना आयुक्त लक्ष्मण सिंह ,आर पी बरबड़ और शीतल धनकड़ भी मौजूद थे। गुप्ता ने कहा इस दौरान आयोग ने विशेष अभियान चलाकर मामलो में जल्द निस्तारण का प्रयास किया है।
सूचना आयुक्त के रूप में बारेठ का आखिरी कार्यदिवस था। लेकिन अंतिम दिन भी 10 मामलों का निस्तारण किया गया। बारेठ इन 21 माह में एक भी अवकाश नहीं लिया और हर माह औसतन 396 मामलों का निस्तारण किया। यह अपने आप में रिकॉर्ड है। आयुक्त के रूप में बारेठ ने कुछ मामलों में पंचायत राज और स्थानीय निकाय संस्थानों को न केवल आवेदकों को सूचना उपलब्ध कराने को कहा बल्कि उन सूचनाओं को अपने सूचना पटल पर प्रसारित और प्रकाशित करने का भी आदेश दिया।