राजस्थान

राज्य सरकार का बड़ा फैसला, रावण दहन पर रहेगी पाबंदी

Nilmani Pal
12 Oct 2021 3:51 PM GMT
राज्य सरकार का बड़ा फैसला, रावण दहन पर रहेगी पाबंदी
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आदेश जारी

दशहरा त्योहार आने में अब कुछ दिन ही बचे हैं. इस बार दशहरा शुक्रवार यानी 15 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन रावण दहन देखने को लेकर लोग काफी उत्साहित रहते हैं. लेकिन कोरोना की वजह से कई जगहों पर सख्त गाइलाइन जारी हैं. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि देश के तमाम बड़े शहरों में दशहरे की क्या तैयारी है.

Madhya Pradesh: रावण दहन के लिए कलेक्टर से लेनी होगी परमिशन

शुरुआत हम देश के दिल यानि मध्य प्रदेश से करते हैं. मध्य प्रदेश में शासन की तरफ से दशहरे को लेकर कुछ दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. जिसके तहत रावण दहन के पूर्व होने वाले श्री राम के चल समारोह को प्रतीकात्मक रूप से निकालने की अनुमति दी गई है. रावण दहन के कार्यक्रम के लिए भी आयोजन समिति को जिला कलेक्टर से पहले ही अनुमति लेनी होगी. यह अनुमति खुले मैदान, फेस मास्क का इस्तेमाल और सोशल डिस्टेंसिंग की शर्तों पर ही दी जाएगी. इसके साथ ही स्पष्ट किया गया है कि इस बार रावण दहन के वृहद आयोजन, जिनका स्वरूप मेले के समान होता है उसकी अनुमति नहीं होगी.

यानि स्पष्ट है कि मध्य प्रदेश में दशहरा के दिन रावण दहन तो किया जा सकेगा लेकिन वहां मैदान की क्षमता के 50 फीसदी लोग ही जा सकेंगे. रावण की ऊंचाई को लेकर सरकार की तरफ से कोई गाइडलाइन नहीं है.

Rajasthan: रावण दहन पर रहेगी पाबंदी

दशहरा से कुछ दिन पहले राजस्थान सरकार ने गरबा और डांडिया खेलने वालों को राहत देते हुए इसके आयोजनों की छूट दे दी है. कोरोना की पाबंदियों में ढील देते हुए राजस्थान सरकार ने घोषणा की है कि डांडिया और गरबा खेलने के लिए 200 लोग धार्मिक आयोजनों में शामिल हो सकते हैं. हालांकि इसके लिए वैक्सीन की एक डोज की शर्त अनिवार्य होगी.

दशहरे की बात करें तो राजस्थान में रावण दहन पर प्रतिबंध जारी रहेगा. सरकार का कहना है किआतिशबाजी पर पाबंदी की वजह से रावण दहन पर प्रतिबंध जारी रहेगा. इसके अलावा दुनिया के मशहूर पुष्कर मेले को भी हरी झंडी मिल गई है. राजस्थान सरकार ने पशु मेला की भी इजाजत दे दी है. हालांकि कहा गया है कि इन मेलों का आयोजन कोरोना प्रोटोकॉल के तहत ही होगा.

Kota: प्रतीकात्मक रावण दहन होगा

कोटा का दशहरा मेला काफी प्रसिद्ध है. लेकिन इस बार नगर निगम की ओर से कोटा में प्रतीकात्मक रावण दहन किया जाएगा. इस बार रावण का पुतला 20 से 25 फीट का ही बनाया जाएगा. हमेशा यह 100 फीट के लगभग बनाया जाता रहा है. इस बार कोटा में चुनिंदा लोगों की उपस्थिति में ही होगा रावण दहन. इस साल कोटा में परंपरागत रूप से कोटा के राज परिवार की ओर से भगवान लक्ष्मी नाथ जी की सवारी हाथी पर निकाली जाएगी और प्रतीकात्मक रावण दहन किया जाएगा. दशहरा के दिन लगने वाले मेले की अनुमति नहीं होगी.

Mumbai: अभी जारी नहीं हुई कोई गाइडलाइन

मुंबई शहर में रावण दहन को लेकर अभी बीएमसी की तरफ से कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है.

Bastar: मशहूर दशहरे के लिए भी गाइडलाइन जारी

विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरे की प्रमुख रस्में जैसे-जैसे करीब आ रही हैं, प्रशासन की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं. हालांकि सभी रस्मों को कोविड नियम के तहत पूरा किया जा रहा है लेकिन बस्तर के आराध्य पर्व होने के चलते ग्रामीणों और शहरवासियों की मौजूदगी बड़ी संख्या में हो रही है. प्रशासन कोरोना को देखते हुए बैनर पोस्टर के माध्यम से रोकथाम के लिए प्रचार-प्रसार कर रही है. जिला प्रशासन ने गरबा और दुर्गा पंडालों को भी रात 10:00 बजे तक संचालन की अनुमति दी है.

बस्तर में रावण दहन नहीं किया जाता. लिहाजा बस्तर दशहरा पर्व में चलने वाले रथ परिक्रमा, निशा जात्रा, भीतर रेनी, बाहर रेनी, मावली परघाव और मुरिया दरबार जैसे प्रमुख रस्मों में सीमित लोगों के शामिल होने की अनुमति दी है. मगर बस्तर के प्रमुख पर्व होने के चलते लोग पर्व को मनाने उमड़ रहे हैं.

पर्व के बचे आखरी 7 दिन भारी भीड़ उमड़ती है. इसके मद्देनजर प्रशासन ने कोविड जांच किट तथा दवाइयों का भी स्टॉक कर लिया है. आपको बता दें कि बस्तर के दशहरे में रावण का दहन नहीं किया जाता बल्कि यहां शक्ति की उपासना होती है.

Kullu: 50 वर्षों बाद पुराने स्वरूप में नजर आएगा दशहरा

अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव इस बार करीब 50 साल पुराने रूप में नजर आएगा. इस बार दशहरा उत्सव में न तो व्यापारिक गतिविधियां होंगी और न ही सांस्कृतिक कार्यक्रम. केवल देवी-देवता और उनके रथ ही ढालपुर मैदान की शोभा बढ़ाएंगे. कोरोना की बंदिशों के चलते प्रशासन ने इस बार बिना व्यवसायिक गतिविधियों व् सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मेला आयोजित करने का निर्णय लिया है.

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