राजस्थान

अजमेर में खाकी पर दाग, दो थानों की पुलिस पर लगे ये गंभीर आरोप

Admin4
31 Dec 2022 2:12 PM GMT
अजमेर में खाकी पर दाग, दो थानों की पुलिस पर लगे ये गंभीर आरोप
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अजमेर। राजस्थान की अजमेर जिला पुलिस यूं तो रोजाना जनसुनवाई सहित आंकड़ों को लेकर वाहवाही बटोर रही हैं, लेकिन नए साल से पहले ही दो थानों की पुलिस से पीड़ित लोगों ने न्याय की गुहार लगाई हैं। एक मामले में जहां थाने के सीएलजी सदस्य ने बेवजह कपड़े खुलवाकर थाने में बंद करने का आरोप जड़ा है। वहीं एक महिला ने भूमाफियाओं द्वारा किए गए हमले के बावजूद पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने की शिकायत आईजी को दी है। अजमेर के बांदरसिंदरी थाना क्षेत्र में रहने वाले रामदेव बिजारणिया ने बताया कि बुधवार को उसके छोटे भाईयों में कुंए की मोटर से सिंचाई को लेकर विवाद हो गया था। जिस पर वह उसकी 75 वर्षीय मां को लेकर कुएं पर गया और दोनों से समझाइश कर रहा था। इससे पहले छोटे भाई ने पुलिस को फोन कर दिया था। कुछ ही समय बाद पुलिस वहां पहुंची और सभी को थाने पहुंचने को बोला। रामदेव ने कहा कि वह अपनी मां को लेकर थाने गया और दोनों भाइयों को समझाने के लिए पुलिस से निवेदन किया, लेकिन थाने के हेडकांस्टेबल मदन लाल और थानाधिकारी विरेन्द्र सिंह ने उसकी एक नहीं सुनी। वह थाने का सीएलजी सदस्य है, इसके बावजूद उसके साथ गाली गलौज करके कपड़े खुलवाए और बंद कर दिया।
रामदेव ने कहा कि इतना ही नहीं उसकी 75 वर्षीय बुजुर्ग मां को भी थाने में बंद करने की धमकी दी गई। बाद में उसे थाने से रवाना कर दिया। उसकी मां पुलिस के आगे हाथ जोड़ती रही कि उसे बंद नहीं करे, लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी। पीड़ित ने शनिवार को साल के अंतिम दिन जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर अपनी पीड़ा एसपी को बताई है और न्याय की गुहार लगाई। पीड़ित रामदेवन ने कहा कि एसपी ने उन्हें जांच करवाकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। अगर जल्द कार्रवाई नहीं होगी तो वह उच्च अधिकारियों तक अपनी आवाज बुलंद करेंगे।
दूसरा मामला बिजयनगर थाना क्षेत्र का है। जहां बिजयनगर निवासी गुलाबी ने बताया कि शास्त्री नगर में उसका एक प्लॉट है। उसने बताया कि उसके प्लाट को उसके रिश्तेदार गोपाल, मदन, हेमराज, राजू व अन्य उस पर कब्जा करना चाहते हैं। उक्त लोगों ने ही पूर्व में उसके पति व पिता की भी हत्या कर दी थी। हत्या के आरोप में उक्त लोग जेल भी गए थे, लेकिन जमानत पर बाहर आ गए हैं। उक्त लोगों ने 28 दिसम्बर को उसके प्लॉट पर कब्जा करने का प्रयास किया। महिला ने जब विरोध किया तो उस पर लकड़ी, कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। इस वारदात में महिला लहुलुहान हो गई। उसने पुलिस को इसकी सूचना दी, लेकिन पुलिस डेढ़ घंटे बाद वहां पहुंची। उसने मामले में रिपोर्ट भी दी, लेकिन पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। पीड़िता गुलाबी का कहना है कि पुलिस आरोपियों को संरक्षण दे रही है। थाना पुलिस की शिकायत लेकर वह आईजी कार्यालय पहुंची है और इस संबंध में उसने शिकायत दी। उसने कहा कि आरोपियों पर कार्रवाई करें, नहीं तो आरोपी उसके तीन छोटे बच्चों व अन्य परिजन को भी जान से मार सकते हैं।
महिला का एक लहुलुहान हालत में रोते हुए और उसके बच्चों के भी विडियो है। जिसमें भी महिला गुलाबी लगातार न्याय की गुहार लगा रही है। एक विडियो में उसकी मासूम बेटी भी रोते हुए अपनी मां की हालत दिखा रही है और कब्जे के लिए टूटी हुई बाउंड्री भी दिखा रही है। इन दो मामलों के नए साल से पहले सामने आने से पुलिस की नियमित जनसुनवाई और आंकड़ों पर कहीं ना कहीं सवालिया निशान अवश्य लगता है, मामले झूठे हैं या सच्चे हैं, यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा लेकिन खाकी पर जो आरोप पीड़ितों ने लगाए हैं वह काफी गंभीर है।
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