श्रीगंगानगर: श्रीगंगानगर रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का आवागमन बढ़ने के साथ-साथ राजस्व भी बढ़ रहा है. इसमें श्रीगंगानगर जंक्शन रेलवे स्टेशन 45.58 करोड़ का राजस्व अर्जित कर टॉप 10 में शामिल हो गया है. हालांकि, श्रीगंगानगर स्टेशन ने उत्तर-पश्चिम रेलवे मंडल के टॉप 10 स्टेशनों में जगह बनाई है. फिलहाल अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत रेलवे स्टेशन को आधुनिक बनाने का काम किया जा रहा है. इस पर करीब 20 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं.
उत्तर-पश्चिम रेलवे मंडल में छोटे-बड़े मिलाकर 578 स्टेशन हैं। इनमें से टॉप रेवेन्यू देने वाले 15 स्टेशनों की लिस्ट जारी की गई. इनमें जयपुर पहले नंबर पर 776 करोड़ रुपए की कमाई की। दूसरे नंबर पर जोधपुर 312 करोड़, तीसरे नंबर पर अजमेर 308 करोड़, चौथे नंबर पर उदयपुर 138 करोड़ और पांचवें नंबर पर बीकानेर जंक्शन ने 129 करोड़ की आय अर्जित की है। यह रकम केवल रिजर्वेशन और टिकट काउंटर से टिकट के बदले मिलती है।
ये स्टेशन 6ठे से 10वें स्थान पर रहे: रेलवे के मुताबिक, 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक यात्री राजस्व डेटा में आबू रोड 65.92 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ छठे नंबर पर है, रेवाडी जंक्शन 58.67 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ सातवें नंबर पर है, रींगस जंक्शन 8वें नंबर पर है. 54.56 करोड़ रुपये की आय के साथ अलवर जंक्शन 9वें नंबर पर और 45.58 करोड़ रुपये की आय के साथ श्रीगंगानगर जंक्शन 10वें नंबर पर है।
ये 15 स्टेशन राजस्व सृजन में शामिल हैं: उत्तर-पश्चिम रेलवे मंडल के शीर्ष 15 राजस्व देने वाले स्टेशन हैं श्रीगंगानगर, बीकानेर, जयपुर, जोधपुर, अजमेर, उदयपुर सिटी, आबू रोड, रेवाडी जं., रींगस जं., अलवर जं., भीलवाड़ा, हिसार जं., फालना, गांधीनगर जयपुर, बांदीकुई जंक्शन शामिल। इनमें बांदीकुई में सबसे कम 35.44 करोड़ का राजस्व आया। यह राजस्व आरक्षण काउंटरों, टिकट काउंटरों और ऑनलाइन टिकट लेने वालों के साथ-साथ राहगीरों से प्राप्त होता है।