राजस्थान

Sri Ganganagar : नालों की डिस्लिटिंग का कार्य पूर्णए पानी निकासी की व्यवस्था सुचारू

Tara Tandi
22 Jun 2024 12:20 PM GMT
Sri Ganganagar : नालों की डिस्लिटिंग का कार्य पूर्णए पानी निकासी की व्यवस्था सुचारू
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Sri Ganganagar श्रीगंगानगर। नगर विकास न्यास द्वारा न्यास क्षेत्राधिकार में आने वाले सूरतगढ़ रोड़ नाला, जस्सा सिंह मार्ग नाला, कुंज विहार नाला, वृद्धा आश्रम रोड़ नाला, 100 फीट रोड़ (एस.एस.बी. रोड़ के पास) नाला, हनुमानगढ़ रोड़ नाला, 3 ई छोटी नाले की डिस्लिटिंग का कार्य पूर्ण करवा दिया गया है।
न्यास सचिव श्री कैलाशचंद्र शर्मा ने बताया कि वर्तमान में पानी निकासी की व्यवस्था सुचारू रूप से हो रही है। पोलिथीन, प्लास्टिक बोतलों, डिस्पोजल मुख्य मार्ग पर स्थित होटलो, फूड स्टोल, फल सब्जी की रेडियों के संचालकों के द्वारा खुले नालों में डाली जाती है। यह सब पानी में बहकर सूरतगढ़ रोड़ स्थित नाले में आ जाती है। 20 जून 2024 को बरसात के पश्चात् नालों में बहकर आई पोलिथीन, डिस्पोजल इत्यादि को जे.सी.बी से निकलवा दिया गया।
उन्होंने बताया कि न्यास द्वारा सूरतगढ़ रोड़ नाले, गौतम बुद्ध नगर में निर्मित नालों का मिलान सद्भावना नगर एसटीपी से किये जाने हेतु सूरतगढ़-पदमपुर रोड़ पर ट्रैच लेस पद्धति से पाईप लाईन बिछाने का कार्य प्रगतिरत् है। पाईप लाईन बिछाने पश्चात् सूरतगढ़ रोड़ नाला, गौतम बुद्ध नगर नालों का मिलान सीधा एसटीपी से किये जाने के पश्चात् खाली प्लाटों में जल भराव की स्थिति नहीं रहेगी।
उन्होंने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री बजट घोषणा वर्ष 2023-24 में श्रीगंगानगर शहर हेतु मास्टर ड्रेनेज प्लान के कार्य हेतु 33 करोड़ रुपये की घोषणा की गई। इसके सन्दर्भ में श्रीगंगानगर शहर के बरसाती पानी की निकासी हेतु शहर की भौगोलिक स्थिति एवं वर्तमान की परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए मास्टर ड्रेनेज प्लान की डीपीआर बनाई गई। इसकी अनुमानित लागत 33.67 करोड़ रुपये है। राज्य सरकार की स्वीकृति पश्चात् ही मास्टर ड्रेनेज प्लान सम्बन्धी कार्य किया जाना प्रस्तावित है।
उन्होंने बताया कि सद्भावना नगर में एसटीपी 10 एमएलडी सीवेज सग्रहण व परिशोधन क्षमता का है जबकि उक्त एसटीपी में श्रीगंगानगर शहर में सीवेज कनैक्शन न होने के कारण सद्भावना नगर एसटीपी में नगर परिषद एवं न्यास क्षेत्रों के घरों का गन्दा पानी व वर्षा के दौरान शहर में इकट्ठा हुआ पानी मुख्य नालों के माध्यम से 10 एमएलडी एसटीपी में भिजवाया जाता है। इसकी मात्रा लगभग 20 एमएलडी होती है, जो कि क्षमता से अधिक पानी के संग्रहण के कारण व वर्षा के दौरान शहर में इकठ्ठा हुआ पानी मुख्य नालों के माध्यम से 10 एमएलडी एसटीपी में भिजवाया जाता है।
उन्होंने बताया कि इसमें प्लास्टिक की थैलियों, डिस्पोजल के कारण एसटीपी में स्थापित पम्प चोक हो जाते है। एसटीपी कर्मचारियों द्वारा पम्प रिपेयर कर दिये जाते है। पानी निकासी में किसी तरफ का कोई अवरोध उत्पन्न नहीं होता है। उक्त एसटीपी में कम्पनी के संचालकों द्वारा ओ.सी. ई.एम.एस, स्काडा, लैब, क्लोरीनेशन, फ्लो मीटर स्थापित किया गया है। वर्तमान में स्काडा, लैब क्लोरीनेशन सुचारू रखने के लिए संचालित कम्पनी को समय-समय पर नोटिस जारी किये जा चुके है।
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