जोधपुर: देश में गिद्ध का संरक्षण किस स्तर पर किया जा रहा है. इसकी बानगी शीघ्र ही शहर (Jodhpur) में देखने को मिलेगी. अपने परिवार से बिछड़े एक गिद्ध को फिर से मिलाने की मुहिम शुरू की जा रही है. कन्याकुमारी से सड़क मार्ग तक 2600 किलोमीटर की लंबी यात्रा कर एक गिद्ध को विशेष रूप से तैयार किए गए पिंजरे में जोधपुर लाया जाएगा.
पिंजरे को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इस गिद्ध को इतनी लंबी यात्रा के दौरान झटके न लगे। यह गिद्ध गत वर्ष कन्याकुमारी पहुंचे प्रवासी गिद्धों के समूह बिछड़ गया था. जोधपुर लाकर इसे माचिया पार्क में एक माह तक रखा जाएगा. इसके बाद यहां आने वाले प्रवासी गिद्धों (vulture) के साथ फिर से मिला दिया जाएगा. कन्याकुमारी में इस वर्ष की शुरुआत में कुछ लोगों ने एक घायल गिद्ध को देखा. लोगों ने वन विभाग तक इस घायल को पहुंचा दिया ताकि इसका इलाज हो सके.
कन्याकुमारी के उदयगिरी पार्क में इस गिद्ध को रख इलाज किया गया. अब यह एकदम स्वस्थ हो चुका है. ऐसे में सिनेरियस प्रजाति के इस गिद्ध को अपनी प्रजाति के समूह से मिलाने का बीड़ा उदयगिरी पार्क के अधिकारियों ने उठाया. जोधपुर में हर वर्ष अक्टूबर माह में इस प्रजाति के गिद्धों के समूह आते हैं. यह पहला मौका होगा जब किसी प्रवासी गिद्ध को उसके परिवार से मिलाने के लिए इस स्तर पर मुहिम चलाई जा रही है. अब सबसे बड़ी चुनौती इस गिद्ध को जोधपुर तक पहुंचाने की थी.
कन्याकुमारी से जोधपुर तक का 2610 किलोमीटर लंबा सफर करना इस गिद्ध के लिए बेहद मुश्किल काम माना जाता है. ऐसे में उदयगिरी पार्क के विशेषज्ञों ने गिद्ध को सही सलामत जोधपुर पहुंचाने के लिए एक वाहन को विशेष रूप से डिजाइन करवा उसमें पिंजरा लगवाया. इस वाहन को इस तरह से तैयार किया गया है कि रास्ते में गिद्ध को कम से कम झटके लगे.
50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगा वाहन:
इस वाहन को अधिकतम पचास किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ही चलाया जाएगा. पच्चीस सितम्बर को इस गिद्ध की कन्याकुमारी से जोधपुर की यात्रा शुरू होगी. सिर्फ रात में ही इसका वाहन चलेगा और एक माह तक इसको माचिया पार्क में रखा जाएगा. इसके बाद इसको कैरू डंपिंग यार्ड में छोड़ दिया जाएगा. इसके कॉलर पर आईडी चिप लगाई गई है जिससे इस पर नजर रखी जाएगी.
न्यूज़क्रेडिट: firstindianews