राजस्थान

सैनिकों के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता का प्रतीक हैं गहलोत सरकार के सैनिक कल्याण निर्णय

Tara Tandi
11 Sep 2023 11:19 AM GMT
सैनिकों के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता का प्रतीक हैं गहलोत सरकार के सैनिक कल्याण निर्णय
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जिला सैनिक कल्याण विभाग, जोधपुर के तत्वावधान में सोमवार को जिला कलक्टर सभागार में सैनिक संवाद एवं सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए राज्यस्तरीय सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष श्री रामसहाय बाजिया ने पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों के कल्याण से जुड़ी योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की और प्रदेश सरकार की इसके लिए सराहना की।
श्री बाजिया ने पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों को बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने हमेशा सैनिक एवं उनके परिजनों का सम्मान किया है।
उन्होंने कहा कि देश की रक्षा करने वाले सैनिक को समाज सम्मान देता है और इसी भावना से सैनिक देश की रक्षा के लिए हर पल तत्पर रहता है।
श्री बाजिया ने राज्य सरकार द्वारा सैनिकों, सेवानिवृत्त सैनिकों एवं उनके परिजनों के लिए उठाए जा रहे कल्याणकारी कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि सैनिकों से संबंधित समस्याओं पर राज्य सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है।
उन्होंने राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि राजस्थान के सैनिक के फिजिकल कैजुअल्टी में परिवार के एक व्यक्ति को अनुकंपा नौकरी, राजस्थान एक्स सर्विसमैन कॉर्पाेरेशन के माध्यम से 45 प्रतिशत वेतन बढ़ाने जैसे कार्य किए हैं।
उन्होंने राज्य सैनिक बोर्ड का भवन बनाने के लिए 20 करोड़ और कालवाड़ रोड पर 4000 वर्ग गज जमीन, द्वितीय विश्व युद्ध की वीर नारियों की पेंशन चार हजार से बढ़ाकर दस हजार महिना तथा इसमें शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों को सरकारी नौकरी, सैनिकों के डाटा का डिजिटलीकरण, शहीदों को मिलने वाले पैकेज को 25 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने जैसे कई निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि यह सब मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा सैनिकों के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता को दर्शाता है।
उन्होंने बताया कि रिटायरमेंट के बाद सैनिकों की बहुत सारी विसंगतियां थीं, जिन्हें दूर किया गया है। पूर्व में किसी भी एग्जाम में 2 साल तक का टाइम रहता था, उसे 5 साल किया गया है। सरकारी नौकरियों में पूर्व सैनिकों के लिए 40 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य था, उसे 35 प्रतिशत कर दिया गया। इसे और भी कम करते हुए पर्याप्त संख्या में पूर्व सैनिक नहीं मिलने पर 30 प्रतिशत तक लाया गया है। श्री बाजिया ने कहा कि ऐसे में हम सभी का कर्त्तव्य है कि देश की रक्षा करने वाले सैनिकों तथा उनके परिवारजनों का सम्मान एवं उनकी समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता से करना चाहिए।
शहीद वीरांगनाओं एवं गैलेंट्री अवॉर्ड धारकों का सम्मान
सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष श्री रामसहाय बाजिया ने सैनिक संवाद एवं सम्मान कार्यक्रम में शहीद वीरांगनाओं का शॉल ओढ़ाकर एवं गैलेंट्री अवॉर्ड धरकों का साफा एवं पुष्पहार से सम्मान भी किया। इस दौरान भूतपूर्व सैनिकों एवं वीरांगनाओं ने अपनी समस्याओं से भी अवगत करवाया।
कार्यक्रम में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल (सेवा निवृत्त) श्री दलीप सिंह खंगारोत ने जिले के सैनिक कल्याण कार्यालय का विभागीय विवरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में गौरव सेनानी उपस्थित रहे।
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