राजस्थान

मिट्टी जांच पांच माह पहले हुई, अभी तक किसानों को नहीं मिला मृदा कार्ड

Shantanu Roy
6 May 2023 11:36 AM GMT
मिट्टी जांच पांच माह पहले हुई, अभी तक किसानों को नहीं मिला मृदा कार्ड
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प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ जिले में पिछले कुछ वर्षों से कई किसान अपने खेतों की मिट्टी की जांच कराने लगे हैं। वहीं पिछले साल भी करीब 10,500 किसानों ने मिट्टी के नमूने लेकर कृषि विभाग के मिट्टी परीक्षण में जांच के लिए दिए थे. जहां जांच भी की गई है। वहीं, इसकी रिपोर्ट के लिए कृषि विभाग द्वारा किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी उपलब्ध कराया गया। लेकिन पिछले करीब नौ माह से भारत सरकार के पोर्टल में अपडेशन का काम होने के कारण ऑनलाइन रिपोर्ट तैयार नहीं हो पा रही है. जिससे पिछले वर्ष मात्र 5,25,000 मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराये गये। जिससे वंचित किसानों को खेत की मिट्टी की रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है. ऐसे में हाल ही में सरकार द्वारा लगाए जा रहे राहत शिविरों में रिपोर्ट तैयार कर किसानों को मैनुअली दी जा रही है. वैसे फसलों में प्रमुख तत्वों नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश की आवश्यकता मुख्य रूप से पड़ती है। इनके अलावा एक दर्जन से अधिक सूक्ष्म तत्वों की भी फसलों में जरूरत होती है। इनकी कमी से फसलों में कई प्रकार के रोग भी लग जाते हैं। साथ ही इन तत्वों की कमी से फसल उत्पादन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इन सूक्ष्म तत्वों में कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर, आयरन, मैंगनीज, जिंक, बोरोन, कॉपर, मोलिब्डेनम, क्लोरीन, सोडियम, कोबाल्ट, सिलिकॉन समेत कई तत्व शामिल हैं। जिला बनने के बाद विभाग द्वारा वर्ष 2013 में मृदा परीक्षण प्रयोगशाला खोली गई। प्रयोगशाला पीपीपी मोड पर संचालित की जा रही है। इसके लिए हर साल टारगेट भी दिए जाते हैं। वर्ष 2022-23 में 10 हजार 405 सैंपल देने का लक्ष्य दिया गया था। जिसमें राज्य योजना एवं केन्द्र प्रायोजित योजना के तहत लक्ष्य दिये गये। इसके तहत यहां की प्रतापगढ़ प्रयोगशाला में नमूनों की जांच की गई। यहां की लैबोरेटरी में कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं। जिसमें मिट्टी का पीएच (अम्लता/क्षारीयता मापन), ईसी (माप ऑफ डेसी/मीटर लवणता स्तर) जांचा जाता है। इसी तरह जैविक कार्बन, फास्फोरस, पोटाश, जिंक, आयरन, कॉपर, मैंगनीज, नाइट्रोजन में पोषक तत्वों की जांच की जाती है।
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