राजस्थान

पानी के बहाव से रोड की मिट्टी व डामर खिसकी, गड्ढे में फंस वाहन

Shantanu Roy
10 July 2023 11:36 AM GMT
पानी के बहाव से रोड की मिट्टी व डामर खिसकी, गड्ढे में फंस वाहन
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जालोर। जालोर खस्ताहाल सामतीपुरा रोड पर 20 दिन से भरे बरसाती पानी के बीच हुए दो से तीन फीट गहरे गड्ढे हादसे को न्योता दे रहे हैं। पानी के भराव के बीच दो दिन से जारी बारिश के दौर से बिखरी सडक़ के इस हिस्से में वाहन चालकों का निकलना मुश्किल हो गया है। शनिवार और रविवार को इस हिस्से में ट्रक, क्रैन व टैक्सी सहित 7 वाहन फंस गए। वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। पिछले दिनों तूफान के साथ हुई अच्छी बारिश से सामतीपुरा रोड व शहर के एकमात्र बाइपास पर बारिश व सुन्देलाव तालाब के ओवरफ्लो पानी का आ रहा है।
समस्या 2 साल से है। हर साल इसे लेकर नगर परिषद व जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया जाता है। इस बार भी मुख्यमंत्री के जालोर दौरे के दौरान ज्ञापन दिया था। मंत्री के द्वारा अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए थे। अभी तक समाधान नही किया है। आस पास पानी का भराव रहने से कॉलोनी व आस पास बने मकानों की नींव में पानी भर रहा है। उनकी नींव कमजोर हो रही है। मकान के गिरने का डर बढ़ रहा है। - कालूराम सोलंकी, क्षेत्रवासी यहां नई सड़क के टेंडर हो चुके हैं। बारिश के कारण अभी काम संभव नहीं है। मौका मुआयना किया है। मार्ग पर गड्ढे हो चुके हैं।
जेएल मीणा, एसई, पीडब्ल्यूडी, जालोर नई सड़क के टेंडर हो चुके यह पीडब्ल्यूडी की सड़क है। सीवरेज लाइन क्षतिग्रस्त होने की जानकारी नहीं है। निदान करवाया जाएगा। तालाब का ओवरफ्लो पानी बारिश के साथ पहुंच रहा है। - दिलीप माथुर, आयुक्त, नगरपरिषद, जालोर मकानों की नींव में पानी भरने से गिरने का डर दो दिन से जारी समस्या शनिवार को दो ट्रक एक साथ पानी के अन्दर गहरे गड्ढे में फंस गए। इसे निकालने के लिए क्रेन को बुलाना पड़ा, लेकिन क्रेन इसी गड्ढे में फंस गई। हालाकि बार बार कोशिश के बाद क्रेन ने दोनों ट्रकों को निकाल दिया। इसके बाद शाम को एक लोडिग टैक्सी किराने का सामान भर कर जा रही थी। लोडिग टैक्सी का आगे का पहिया फंस गया। इससे टैक्सी पानी में फंस गई। बाद में एक टैक्सी पलट गई। अन्य वाहन व लोगों की सहायता से टैक्सी को निकाला। वाहन चालकों को दूसरी गलियों से निकलना पड़ रहा है। सीवरेज क्षतिग्रस्त होने से हादसे का डर शहर का बाइपास होने के कारण वाहनों की आवाजाही रहती हैं। मार्ग पर जगह-जगह सीवरेज क्षतिग्रस्त हैं। हादसे का डर रहता है।
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