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जोधपुर। जोधपुर में गैस सिलेंडर ब्लास्ट हादसे में मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पांच दिन पहले हुए इस धमाके में मंगलवार को चार और लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में दूल्हे के पिता और एक मासूम भतीजा भी शामिल है। इस भीषण हादसे में अब तक 10 बच्चों की भी जान जा चुकी है। जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती 8 और दुर्घटना पीड़ितों की हालत गंभीर बनी हुई है। इससे पहले सोमवार को दूल्हे की मां समेत 6 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। ऐसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है। मरने वालों में 50 फीसदी से ज्यादा जले हुए थे।
दूल्हे के पिता सगत सिंह (55), दिलीप कुमार (24), सुगन कंवर (56), ऐदन सिंह (9) की मंगलवार को महात्मा गांधी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। हादसे में मरने वालों की संख्या अब 22 हो गई है। करीब आठ लोग अभी भी आईसीयू में हैं और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। अब अस्पताल में हर कोई दुआ कर रहा है कि मौतों का यह आंकड़ा यहीं थम जाए। पांच दिनों में 22 मौतों का आंकड़ा बहुत बड़ा है। अस्पताल लाए जाने के बाद 20 लोगों की मौत हो गई है। अस्पताल में भर्ती 54 में से 22 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी भी 32 घायल अस्पताल में भर्ती हैं। 24 वर्षीय दिलीप सैन, जिसकी मंगलवार को मौत हो गई, वह दूल्हा तैयार करने आया था। हादसे के बाद वह लोगों को बचाने के लिए खिड़की तोड़कर कमरे में दाखिल हुआ और तीन लोगों को आग से बचाकर घर से बाहर निकला। लेकिन, लोगों को बचाने के दौरान वह 50 फीसदी से ज्यादा जल गया था।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजश्री बोहरा ने बताया कि घटना के बाद से प्लास्टिक सर्जन रजनीश गलवा और अन्य डॉक्टरों की टीम काम कर रही है। हर वार्ड में डॉक्टर और नर्स अपनी जिम्मेदारी के साथ काम कर रहे हैं. 24 डॉक्टरों की टीम दिन-रात इलाज में लगी हुई है। इनमें सीनियर और जूनियर सहित रेजिडेंट डॉक्टर शामिल हैं। जिला प्रशासन ने जोधपुर के कीर्तिनगर एवं भुंगरा (शेरगढ़) में गैस सिलिंडरों से होने वाली हृदय विदारक दुर्घटनाओं को देखते हुए जिले के सभी बीपीसीएल/आईओसीएल/एचपीसीएल गैस एजेंसी धारकों को दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए विस्तृत निर्देश जारी किया है।
Admin4
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