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स्मृति ईरानी की नक्सलवाद पर दो टूक…बोलीं, नक्सली इलाकों में कांग्रेस सरकारों ने करोड़ों रुपये खर्च किए, कैंप में महिलाओं के रेप हुए

Renuka Sahu
14 March 2022 4:39 AM GMT
स्मृति ईरानी की नक्सलवाद पर दो टूक…बोलीं, नक्सली इलाकों में कांग्रेस सरकारों ने करोड़ों रुपये खर्च किए, कैंप में महिलाओं के रेप हुए
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फाइल फोटो 

राजधानी जयपुर में इन दिनों चल रहे लिटरेचर फेस्टिवल में रविवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अपनी नक्सलवाद पर लिखी गई लाल सलाम को लेकर आयोजित की गई एक चर्चा में हिस्सा लेने पहुंची.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजधानी जयपुर (jaipur) में इन दिनों चल रहे लिटरेचर फेस्टिवल में रविवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Minister Smriti Irani) अपनी नक्सलवाद (naxalite movement) पर लिखी गई लाल सलाम को लेकर आयोजित की गई एक चर्चा में हिस्सा लेने पहुंची. इस दौरान ईरानी ने कहा कि आने वाले 5 सालों में देश पूरी तरह नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा. स्मृति ईरानी ने देश में कांग्रेस पर नक्सलवाद को हवा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके सरकारों में नक्सली इलाकों में करोड़ों खर्च किए गए लेकिन हमारी सरकार आने के बाद अब नक्सलवाद देश के गढ़ माने वाले राज्य सिर्फ 40 जिलों में ही बचा है. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (jaipur literature festival) में सवालों के जवाब देते हुए सेशन में मंत्री ने कहा कि 2006, 2009 में जब उनकी सरकार सत्ता में नहीं थी तब हुई एक रिसर्च में पाया गया था कि नक्सलवादियों (naxalite) की जरूरतों को पूरा करने के लिए व्यवसायीकरण का सहारा लिया गया, उनके इलाकों में 316 नेशनल प्रोजेक्ट चलाए गए जो हिट रहे. ईरानी ने आरोप लगाया कि औरतों का नक्सल कैम्पस में रेप किया जा रहा था लेकिन हर कोई चुप रहा.

वहीं नक्सली इलाकों में पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों की शहादत पर वह बोली कि सैकड़ों सीआरपीएफ जवानों की मौत हुई लेकिन हर किसी ने चुप्पी साध रखी थी जबकि हर फौजी को पूरा सम्मान मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि अपनी किताब में उन्होंने नक्सली हमलों की धज्जियां उड़ाई हैं.
हकीकत से सामना करवाती है किताब
इस दौरान उन्होंने कहा कि अक्सर किताबों में और फिल्मों में ज्यादातर पुलिस, पैरामिलिट्री ऑफिसर को क्रिमिनल या तमाशे की तरह पेश किया जाता है लेकिन उनकी कहानी का सच दूर रखा जाता है, उन्होंने अपनी किताब के जरिए असली हकीकत दिखाने की कोशिश की है कि कैसे पैरामिलिट्री के लोग मामले की जांच करते हैं. इस दौरान उन्होंने देश में एजुकेशन सिस्टम, स्किल डेवलपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग जैसे मसलों पर भी अपनी बात रखी.
ईरानी ने कहा कि जब लॉकडाउन में सब बंद हो गया था उस दौर में भी हमारी सरकार के फैसलों से देश में महज 3 महीने में पीपीई किट तैयार करने वाली देश में 1100 कंपनी स्थापित की गई. इस दौरान लोगों के सवालों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने करियर को अभिनय की दुनिया से लेकर राजनीतिक सफर तय करने के बाद अब एक लेखिका तक पहुंचाया है जिस पर उन्हें गर्व है.
अमेठी चुनाव में कांग्रेस की जब्त की जमानत
सेशल के दौरान अमेठी चुनाव का जिक्र करते हुए कहा ईरानाी ने कहा कि अमेठी से वह पहले हारी जिसके बाद उन्होंने तय कर लिया था कि वह जब तक यहां से चुनाव नहीं जीतेगी, तब तक मन से हार नहीं मानेंगी, यही वजह है कि पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने अमेठी से जीतकर सामने वाले की जमानत जब्त की.
बता दें कि स्मृति ईरानी की किताब 'लाल सलाम' दंतेवाड़ा में अप्रैल 2010 में सीआरपीएफ जवानों पर हुए हमले पर लिखी गई है. इस हमले में देश के 76 जवान शहीद हो गए थे. किताब में विक्रम प्रताप सिंह नामक एक युवा अधिकारी का जीवन बताया गया है.
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