राजस्थान
2011 से अब तक 150 बच्चों ने मौत को लगाया गले, सपनों को उड़ान देने वाली शिक्षा नगरी के माथे पर 'सुसाइड' का दाग
Gulabi Jagat
30 July 2022 3:45 PM GMT
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'सुसाइड' का दाग
कोटा. शिक्षा नगरी के नाम से मशहूर कोटा में हर साल अपने सपनों को पूरा करने के लिए लाखों बच्चे आते हैं. ये शहर जहां बच्चों के सपनों को (Students dies by suicide in Kota) उड़ान देने के लिए अपनी खास पहचान रखता है तो वहीं इसपर सुसाइड का दाग भी है. बीते 7 महीने में 10 बच्चों ने आत्महत्या की है. बच्चों के सुसाइड के बीच एक बार फिर कोटा कोरोना के हालात से पहले वाले रास्ते पर जाता नजर आ रहा है.
कोटा में कोचिंग छात्रों के सुसाइड की बात की जाए तो मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी करने के लिए आने वाले छात्रों में 2011 से अब तक 150 बच्चों ने आत्महत्या की है. हालांकि इनमें पढ़ाई के स्ट्रेस के अलावा अन्य कई कारण भी सामने आए हैं. जिनमें माता-पिता से दूर एकांकी रहना, अफेयर, मोबाइल इंटरनेट गेम एडिक्शन, पारिवारिक संकट और नशे की प्रवृत्ति के अलावा कई अन्य कारण भी हैं.
कोटा में फिर बढ़ रहे सुसाइड के मामले
दूसरी तरफ माता पिता का बच्चे को मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस में इंटरेस्ट नहीं होने के बावजूद भी यहां पर भेजना और फॉर्स करना भी आत्महत्या के कारणों में सामने आया है. साथ ही कोचिंग में पिछड़ जाना और उसका बेच शिफ्टिंग, अच्छी परफॉर्मेंस नहीं होना और नीट और जेईई जैसी राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाओं में सफल नहीं होना भी सुसाइड के कारणों में शामिल रहे हैं. आंकड़ों पर नजर डालें तो 2011 में 6 सुसाइड हुए थे. यह संख्या बीते 11 सालों में अब तक 150 पहुंची है.
कोरोना में स्टूडेंट के नहीं होने के चलते गिर गया था आंकड़ाः बीते दो सालों में कोविड-19 के कारण कोचिंग के छात्रों में काफी गिरावट आ गई थी. पहले बच्चों को यहां से अपने घरों पर भेज दिया गया था. इसके बाद कोचिंग संस्थान बंद होने के चलते बच्चे भी नहीं आए थे, वह ऑनलाइन ही पढ़ रहे थे. इस कारण यहां पर सुसाइड की संख्या कम हो गई थी. बीते 2020 और 2021 में महज आठ कोचिंग स्टूडेंट्स के सुसाइड के मामले सामने आएं हैं. कोटा शहर एसपी केसर सिंह शेखावत का मानना है कि इस वर्ष में करीब दो लाख के आसपास बच्चे आ गए हैं.
कोटा के नाम पर कालिख पोत रहे हैं सुसाइडः एसपी केसर सिंह शेखावत का मानना है कि शैक्षणिक नगरी कोटा में सुसाइड के चलते गलत मैसेज भी पूरे देश भर में जा रहा है. साथ ही एक अच्छा पढ़ाई करने वाला बच्चा जो कि इंजीनियर या डॉक्टर बनने का सपना देख रहा था, वह सुसाइड करके कम समय में ही काल का ग्रास बन जाता है. उसके परिवार पर गहरा वज्रपात होता है. वह कई सालों तक उबर नहीं पाते. इसी के चलते कोटा का नाम पर कालिख पुत रही है.
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Gulabi Jagat
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