चेतावनी : चेतावनी के बाद भी गहलोत सरकार को असहज करने के लिए अनशन पर बैठे सचिन पायलट के पार्टी नीति और नेतृत्व के खिलाफ बयान नहीं देने के कदम को कांग्रेस सुलह-संवाद के लिहाज से सकारात्मक मान रही है। इसके मद्देनेजर ही पार्टी ने संकट समाधान की कसरत को फिर से सक्रिय कर दिया है और पायलट को केंद्रीय नेतृत्व ने बातचीत के लिए आने का प्रस्ताव दिया है।
पार्टी के उच्चपदस्थ हलकों से मिले संकेतों के अनुसार, सचिन पायलट ने भी अपना रूख नरम करने का संकेत देते हुए जल्द दिल्ली आने और हाईकमान से बातचीत करने का संकेत दिया है। सचिन पायलट के अनशन को एक दिन पहले पार्टी विरोधी गतिविधि के दायरे में होने की चेतावनी जारी करने के बाद मंगलवार को कांग्रेस नेतृत्व की पूरी नजरें उनके अनशन तथा राजनीतिक बयानों की ओर लगी थी।
सचिन के अप्रत्याशित कदमों को लेकर पार्टी की आशंका इसी से समझी जा सकती है कि मंगलवार को दोपहर में हाईकमान के निर्देशों की अनदेखी कर अनशन पर बैठने के कदम पर बयान जारी करने की घोषणा की गई। कांग्रेस मीडिया व प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पायलट से जुड़े सवालों की बौछार पर कहा कि पार्टी के संचार महासचिव जयराम रमेश की ओर से इस बारे में एक बयान जारी किया जाएगा। लेकिन अनशन के बाद सचिन के दिए बयानों में नरमी और सुलह-संवाद का रास्ता आगे बढ़ने का संदेश पढ़ते हुए कांग्रेस की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया।