राजस्थान

सेवारत ने तोड़ी, जार्ड की हड़ताल जारी, इमरजेंसी वर्क भी छोड़ा

Admin4
13 Oct 2022 12:26 PM GMT
सेवारत ने तोड़ी, जार्ड की हड़ताल जारी, इमरजेंसी वर्क भी छोड़ा
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जयपुर। राजस्थान के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के रेजिडेंट डॉक्टर्स की मांगों को लेकर आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा। सरकार के साथ हुई वार्ता में मांगों पर सहमति बनने के बाद एक गुट ने पुनः काम पर लौटने की घोषणा कर दी, लेकिन जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स ने समझौते को नहीं मानते हुए हड़ताल जारी रखने की घोषणा की है। विरोध में रेजिडेंट डॉक्टर्स ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज से त्रिमूर्ति सर्किल तक रैली निकालने के बाद करीब 2 घंटे तक रेजिडेंट सड़क पर ही बैठे रहे। प्रशासन द्वारा समझाइस करने पर रेजीडेंटो ने धरना समाप्त किया।

शाम को रेजिडेंट की हुई जनरल बॉडी मीटिंग में जार्ड ने इमरजेंसी, ट्रॉमा सेंटर, लेबर रूम एवं आईसीयू सेवाएं बंद करने का ऐलान किया है। हड़ताल के चलते मरीजों की समस्या और अधिक बढ़ेगी। हालांकि बुधवार को हुई वार्ता के अनुसार सेवारत रेजिडेंट काम पर लौटने के बाद स्थिति सम्भल सकती है। प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि रेजिडेंट की मांगों पर सहमति बनने पर 85% रेजिडेंट्स ने हड़ताल तोड़ते हुए काम पर लौटने का फैसला किया।

इन बिंदुओं पर बनी सहमति

समझौता वार्ता में चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत सर्विस बॉन्ड को प्रवेश बैच 2020-21 एवं प्रवेश बैच 2021-22 के लिए एक बार की शिथिलता प्रदान करते हुए बॉन्ड राशि 10 लाख रुपए करने एवं पूर्व अनुसार समय अवधि 2 वर्षकरने पर सहमति हुई।इसी प्रकार पीजी/ सुपर स्पेशलिटी कोर्सके बाद बॉन्ड की शर्तों के अनुसार राज्य सरकार की संविदा सेवाओं के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय में लंबित विभिन्न याचिकाओंके निर्णय के उपरांत विचार किए जाने पर सहमति हुई।

इन मांगों पर अड़ा हुआ है जार्ड

सरकार रेजिडेंट के 2021 में हुए समझौते को पूरा करें। जार्ड अध्यक्ष डॉ नीरज डामोर ने कहा कि सरकार 5 हजार डॉक्टर्स की भर्ती की घोषणा करें। सुपर स्पेशलिटी में लैटरल एं ट्री नहीं होनी चाहिए। आरपीएससी द्वारा भर्ती सहित लंबित मांगों को पूरा करें। उन्होंने कहा कि बुधवार को त्रिमूर्ति सर्किल तक रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया।जार्ड की अनुपस्थिति में समझौता करना रेसिडेंट्स को बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है अतः आंदोलन जारी रहेगा।

सभी रेजिडेंट को मिलेगा समान अवसर

प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा ने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय का निर्णय आने के बाद 7 से 10 कार्य दिवस के भीतर प्रवेश बैच 2020-21 एवं प्रवेश बैच 2021-22 के लिए रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्षों से चर्चा और सहमति के बाद ही एसआरशिप के चयन की प्रणाली निर्धारित की जाएगी, जिसमें सभी रेजीडेंट डॉक्टर्सको एसआरशिप के समान अवसर मिले यह सुनिश्चित किया जाएगा।उन्होंने बताया कि कोविड-19 में कॉन्फ्रेंस नहीं होने के कारण बैच 2020 के लिए पेपर/ पोस्टर एवं थिसिस में शिथिलता हेतु संबंधित कॉलेजों के प्रधानाचार्य स्तर पर प्रस्ताव एनएमसी /आर यू एच एस को भिजवाया जाएगा। इसी क्रम में रेजिडेंट डॉक्टर्सके कार्य बहिष्कार के दौरान उठाए गए अन्य समस्त बिंदुओं पर राज्य सरकार द्वारा सहानुभूति पूर्वक विचार किए जाने का निर्णय भी लिया गया। साथ ही इन सर्विस डॉक्टर के बॉन्ड की समय सीमा एवं राशि में शिथिलता के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को सहानुभूति पूर्वक विचार किए जाने का प्रस्ताव भेजने का निर्णय भी लिया गया।

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