एमडीएसयू में सेमिनार आयोजित: सांझी छत से पंचकुंड तक 25 से ज्यादा लोगों को ट्रैक किया जाएगा
अजमेर न्यूज: विश्व वन दिवस के अवसर पर वन विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। मंगलवार की सुबह जहां ट्रेकिंग पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सांझी छत से पंचकुंड तक ट्रेकिंग अभियान चलाया गया वहीं विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में दिन में एमडीएस विश्वविद्यालय के पर्यावरण विभाग में संगोष्ठी का आयोजन किया गया.
बह 6:30 बजे सांझी छत से नागपहाड़ क्षेत्र तक ट्रेकिंग। इसके लिए तीन दिन पहले पुष्कर में रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए थे। हालांकि इस ट्रेकिंग में सिर्फ 25 लोगों ने हिस्सा लिया। पुष्कर के रेंजर नरेंद्र ने बताया कि नाग पहाड़ी को ट्रैकिंग हब बनाने के लिए पुष्कर में पर्यटन स्थलों का निर्माण कर नाग पहाड़ी को गति देने की मुख्यमंत्री की योजना है. डीएफओ सुनील कुमार चिदरी ने बताया कि विश्व वन दिवस की थीम वन और स्वास्थ्य को देखते हुए ट्रेकिंग शुरू की गई थी। अजमेर और पुष्कर क्षेत्र में कई ट्रैकिंग मार्ग हैं। इन्हें स्थानीय ग्रामीणों और वन विकास समिति के माध्यम से शुरू किया जाएगा। इसके लिए आसपास के गांवों के लोगों को जोड़ा जाएगा। सांझी छत से टीम नागपहाड़ी होते हुए पंचकुंड नर्सरी गई।
संगोष्ठी: वन क्षेत्र केवल 5%
संगोष्ठी का आयोजन वन विभाग व एमडीएसयू के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। पर्यावरण विभाग में आयोजित इस कार्यक्रम में कुलपति प्रोफेसर अनिल कुमार शुक्ला मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि विश्व की सभी प्राचीन सभ्यताएं प्रकृति की गोद में ही विकसित हुई हैं। प्रोफेसर सुब्रतो दत्ता ने वन दिवस का महत्व बताया और तकनीकी सत्रों की जानकारी दी। डीएफओ सुनील कुमार चिदरी ने बताया कि वर्तमान में जहां 33 फीसदी वन क्षेत्र की जरूरत है, उसे घटाकर 20 फीसदी ही कर दिया गया है. इसमें भी वास्तविक वन क्षेत्र मात्र 5% है। वनों की वृद्धि से वानिकी विविधता प्राप्त नहीं की जा सकती है।