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जोधपुर। राज्य सरकार ने नशे की रोकथाम के लिए भले ही डोडा पोस्त के लाइसेंस पर रोक लगा रखी हो, लेकिन इसके बावजूद नशे के तलबगार बढ़ते जा रहे हैं। आश्चर्यजनक रूप से रोक के बावजूद मादक पदार्थ तलबगारों तक पहुंच रहा है। पुलिस के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो मेवाड़ के रास्ते से मारवाड़ तक में मादक पदार्थ पहुंच रहा है। पुलिस बीते 15 माह के दौरान राज्यभर में 50 करोड़ रुपए का 1.83 लाख किलो डोडा पोस्त जब्त कर चुकी है।
पुलिस ने वर्ष 2022 में उदयपुर रेंज के उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, राजसमंद व प्रतापगढ़ जिलों में ड्रग्स तस्करों पर सर्वाधिक कार्रवाई की थी। इन छह जिलों में 60,692.992 किलो डोडा पोस्त जब्त किया गया था। वर्ष 2023 में जनवरी से मार्च तक 15,720.760 किलो डोडा पोस्त जब्त किया जा चुका है। वहीं, जोधपुर रेंज के जोधपुर ग्रामीण, जालोर, जैसलमेर, बाड़मेर, पाली व सिरोही में वर्ष 2022 में 26,211.160 किलो डोडा पोस्त जब्त किया गया था। इस साल जनवरी से मार्च तक 12,256.909 किलो डोडा पोस्त जब्त किया जा चुका है।
चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़ के साथ मध्यप्रदेश में मंदसौर व नीमच क्षेत्र में अफीम की खेती होती है। इन्हीं में से शेष बचा डोडा पोस्त का भी नशे के रूप में सेवन होता है। एमपी व मेवाड़ में उत्पादित डोडा पोस्त उदयपुर रेंज के छह जिलाें से होकर मादक पदार्थ मारवाड़ के जोधपुर, बाड़मेर व जैसलमेर तक पहुंच रहा है।मारवाड़ में सामाजिक आयोजन जैसे शादी समारोह, शोक सभाएं व मौताणों में अफीम और डोडा पोस्त का सेवन सामान्य है। गांव की ढाणियों तक मादक पदार्थ का खुलेआम सेवन होता है। यही वजह है कि सरकारी रोक के बावजूद अफीम व डोडा पोस्त की तस्करी धड़ल्ले से की जा रही है।
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