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राजस्थान के कोटा जिले में एक बार फिर से धारा-144 लागू (Section-144 imposed in Kota) कर दी गई.
राजस्थान के कोटा जिले में एक बार फिर से धारा-144 लागू (Section-144 imposed in Kota) कर दी गई. कोटा जिले में 19 जून को सुबह 6 बजे से आगामी 18 जुलाई की रात 12 बजे तक धारा-144 लागू रहेगी. कोटा जिले में धारा-144 लागू पीछे करने के पीछे प्रशासन ने सांप्रदायिक सौहार्द्र (Communal harmony) बिगड़ने की आशंका को बताया है. कोटा जिला कलेक्टर की ओर से जारी इस आदेश में पुलिस अधीक्षक कोटा शहर और ग्रामीण के पत्रों का हवाला दिया गया है. आदेश के तहत कोटा जिले में इस अवधि में कहीं भी पांच या पांच से अधिक व्यक्ति एकत्रित नहीं हों सकेंगे. कोई भी संगठन, संस्था या समुदाय सभा नहीं करेंगे और जुलूस नहीं निकाल सकेंगे.
कोटा जिला कलक्टर हरिमोहन मीना ने जिले में रविवार से 1 महीने के लिए निषेधाज्ञा के आदेश जारी किए हैं. जिला कलेक्टर की ओर से जारी किये गये इस आदेश में कहा गया है कि वर्तमान समय में सोशल मीडिया, फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप पर असामाजिक तत्वों की ओर से सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं. इन्हें रोकने और सांप्रदायिक सौहार्द्र तथा शांति व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिले में धारा-144 सीआरपीसी के तहत निषेधाज्ञा लागू की जा रही है.
इन पर लागू नहीं होगा नियम
आदेशानुसार ये प्रतिबंध सरकारी कार्यक्रम, पुलिस, निर्वाचन संबंधी और कोविड-19 वैक्सीनेशन कार्यक्रम पर लागू नहीं होंगे. जिले की सीमा में कोई भी व्यक्ति अस्त्र-शस्त्र, विस्फोटक और ज्वलनशील पदार्थ लेकर सार्वजनिक जगहों पर नहीं जा सकेगा. जिले में कोई भी सोशल मीडिया के माध्यम से अनावश्यक लोकशांति भंग करने वाले तथ्य आदान-प्रदान नहीं करेगा. कोई भी व्यक्ति न तो स्वयं राजकीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचायेगा और ना ही इसके लिए किसी को प्रेरित करेगा.
कोटा में पिछले दिनों भी लगी थी धारा-144
उल्लेखनीय है कि कोटा में पिछले दिनों भी धारा-144 लागू की गई थी. उसका कई संगठनों ने भारी विरोध किया था. वहीं जोधपुर में ईद के मौके पर भड़की हिंसा के बाद वहां भी धारा-144 लगा दी गई थी. उसके बाद राजस्थान में एकबारगी जगह-जगह हिंसा का दौर चल पड़ा था. इस दौरान बीकानेर भी धारा-144 की जद में रहा था. उस दौरान राजस्थान के कई शहरों में धारा-144 लगाने का बीजेपी ने भारी विरोध किया था.
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Ritisha Jaiswal
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