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उदयपुर। उदयपुर एमबी सरकारी हॉस्पिटल में 13 माह की बच्ची अव्यांशी को चुराने वाली आरोपी महिला मंजू उर्फ लीलाबाई के मामले में चौकाने वाली बात सामने आई है। उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल में 13 महीने की बच्ची को चुराने वाली आरोपी महिला ने पुलिस को गुमराह किया। उसने कहा था कि उसके कोई संतान नहीं है वहीं पति की भी दो साल पहले मौत हो चुकी है। पुलिस पड़ताल में सामने आया कि महिला ने गुमराह करने के लिए ऐसा बयान दिया था। असल में उसके तीन बच्चे है और पति भी जिंदा है। आरोपी महिला खुद शराब पीने की आदी है। इस कारण उसके पति ने छोड़ दिया था और तीनों बच्चों को अपने पास रख लिया था। पति देवगढ़ में नौकरी करता है और बच्चे गांव में रहते हैं।
पुलिस को आरोपी महिला मंजू उर्फ लीलाबाई के बयान पर शुरू से ही सही तथ्य छुपाने का शक था। ऐसे में हाथीपोल थाना पुलिस उसके पहले पति मुकेश के गांव फला कागदर गई। वहां पता लगा कि उसका पति जिंदा है। मुकेश ने पुलिस को बताया कि मंजू शराब पीने की आदी थी इसलिए उसे छोड़ दिया। उसके 12 से 14 साल के 3 बच्चे हैं। पुलिस ने महिला के दूसरे पति रोशन को भी गिरफ्तार किया। उसे मामले की पूरी जानकारी होने के बावजूद हॉस्पिटल से चुराई बच्ची और आरोपी महिला को अपने पास रखा था। पुलिस को इसकी सूचना नहीं दी।
मंजू डेढ़ साल से दूसरे पति रोशन के साथ रह रही थी। बच्चे की चाहत हुई तो उसने 24 फरवरी सुबह 5 बजे एमबी हॉस्पिटल के सर्जिकल वाड 113 के बाहर बरामदे में सो रही हीना परिहार की बच्ची को चुरा लिया था। इसके बाद पुलिस ने शहरभर के करीब 200 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले थे जिनमें महिला बच्चे को कपड़े में छिपाकर ले जाती दिखी थी। पुलिस ने तलाश करते हुए आरोपी मंजू को 27 फरवरी को चीरवा स्थित रोशन गमेती के घर से गिरफ्तार किया था। बच्ची भी सकुशल मिल गई थी।
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