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भरतपुर। जिले के बहुचर्चित सिकरोरा तिहरे हत्याकांड के दूसरे मुख्य आरोपी को पुलिस ने धौलपुर के जंगल से दबोच लिया है। आरोपी धौलपुर जिले में शरण लेने की तलाश में था। घटना के बाद से ही आरोपी लगातार पुलिस से छिपता हुआ जगह-जगह भाग रहा था। आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। वहीं तीसरा मुख्य आरोपी लाखन अभी भी फरार है जिसकी तलाश जारी है।
पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने पत्रकार वार्ता में बताया कि घटना के बाद से ही तीनों आरोपी लाखन, मनीष और नीरज की तेजी से तलाश चल रही थी। नीरज को कुछ दिन पहले पकड़ लिया गया था। तकनीकी सहायता से और मुखबिर से सूचना मिली कि दूसरा मुख्य आरोपी मनीष उर्फ मनी अपने रिश्तेदारों से फोन पर संपर्क कर छिपने का ठिकाना तलाश रहा है।
सूचना के तुरंत बाद सहायक पुलिस अधीक्षक ग्रामीण बृजेश ज्योति उपाध्याय और कुम्हेर थाना प्रभारी हिमांशु सिंह राजावत के नेतृत्व में पुलिस टीम धौलपुर के लिए रवाना की गई। टीम ने भरतपुर के रूपवास और धौलपुर जिले में कई जगह दबिश दीं। इसी दौरान मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर पुलिस टीम भरतपुर-धौलपुर रोड पर स्थित दौलतगढ़ गांव के पास जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया।
पुलिस टीम ने जंगल में छिपे आरोपी मनीष उर्फ मनी को धर दबोचा। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने जुर्म कबूल कर लिया है। घटना से संबंधित और भी कई जानकारियां आरोपी ने दी है। फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ में जुटी हुई है। वहीं मुख्य आरोपी लाखन की अभी भी तलाश की जा रही है।
गौरतलब है कि सिकरोरा गांव में 27 नवंबर की रात को करीब 1 बजे लाखन ने अपने साथियों के साथ मिलकर गजेंद्र के घर में घुस कर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। फायरिंग में गजेंद्र, समंदर, ईश्वर, टेनपाल, और टेनपाल की मां के गोली लगी। घटना में गजेंद्र, समंदर, ईश्वर की मौके पर ही मौत हो गई व गजेंद्र की पत्नी माया, पुत्र टेनपाल और टेनपाल की पत्नी रवीना गंभीर रूप से घायल हुए थे।
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