राजस्थान

हत्याकांड में फरार 1 लाख के इनामी बदमाश की तलाश जारी

Admin4
10 April 2023 6:59 AM GMT
हत्याकांड में फरार 1 लाख के इनामी बदमाश की तलाश जारी
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जोधपुर। रातानाडा थाना क्षेत्र के भाटी सर्किल पर बंदी सुरेश सिंह हत्याकांड में फरार एक लाख रुपए का इनामी आरोपी अजय पाल सिंह उर्फ एपी अब तक पुलिस के हाथ नहीं लगा है। पुलिस ने आरोपी का साथ देने वाले आठ और साथियों को गिरफ्तार किया है।पुलिस ने पैरोल पर फरारी के समय प्रयुक्त कार भी जब्त की है। एपी, पुष्पेंद्रसिंह व अन्य सहयोगियों द्वारा बोइसर (मुम्बई), बिजापुर (कर्नाटक), पूना (महाराष्ट्र) आदि स्थानों पर ज्वैलर्स के साथ लूट का प्रयास किया गया था।
डीसीपी डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि 13 जनवरी 2019 को जेल प्रशासन ने दंडित बंदी अजयपाल सिंह उर्फ एपी की पैरोल के बाद फरारी की रिपोर्ट दी थी। वह बीस दिन की पैरोल लेकर गया था। उसे 7 नवंबर 2015 को आजीवन कारावास की सजा मिली थी।उसने फरारी के समय सिरोही निवासी एक युवती से शादी की और आहोर जिला जालोर में अपने भाई यशपाल उर्फ रिछपाल उर्फ सेठी व अन्य के साथ मिलकर महेंद्र खां की हत्या कर दी। वह जालोर के आहोर थाने में भी हत्या प्रकरण में वांछित है।वहीं 18 दिसंबर 2021 को पुलिस अभिरक्षा में बंदी सुरेश सिंह हत्याकांड में उसका नाम आया और उस पर एक लाख का इनाम घोषित किया गया। दोनों प्रकरण रातानाडा थाने में दर्ज हैं। बंदी सुरेश सिंह हत्याकांड में पुलिस ने पूर्व मेें मुल्जिम जब्बर सिंह निवासी मणिहारी पाली व विक्रम सिंह निवासी खुनखुना जिला नागौर को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भिजवाया था।
डीसीपी पूर्व दुहन ने बताया कि अजयपाल उर्फ एपी सिंह की उसके गुर्गे भागते रहने में मदद कर रहे हैं और वर्तमान में इन सभी के द्वारा एक गैंग बनाकर कई ठिकानों पर लूट के प्रयास किए जा रहे हैं। इन आरोपियों में गुलाब सिंह, भरत सिंह, अरवाज, जवाराम, जसवंत गोस्वामी, लक्ष्मण सिंह, महावीर सिंह व अचल सिंह ने एपी सिंह को पैरोल फरारी के समय शरण दी व छुपने में सहयोग किया।
गुलाब सिंह व भरत सिंह ने एपी को मोइसर मुम्बई में भगाने में भी सहयोग किया। इन आठों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। निरीक्षक भरत रावत, डांगियावास थानाधिकारी मनोज परिहार, एसआई कन्हैयालाल व भंवरसिंह के नेतृत्व में टीम बनाकर जिला पाली, उदयपुर के संभावित स्थानों पर तलाश कर अहमदाबाद, वडोदरा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, कर्नाटक राज्यों में जाकर उनकी पहचान की।
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