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राजूवास (बीकानेर) के अंतर्गत कार्यरत पशु विज्ञान केंद्र सूरतगढ़ द्वारा पशुओं में थनैला रोग बचाव एवं उपचार विषय पर ऑनलाइन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन शनिवार को प्रभारी अधिकारी डॉ. अरुण कुमार झीरवाल के निर्देशन में किया गया।
डॉ. मनीष कुमार सेन ने ऑनलाइन माध्यम से जुड़े सभी पशुपालकों का स्वागत व्यक्त किया और बताया कि मैस्टाइटिस (थनैला) रोग एक ऐसी विशेष समस्या है, जो पशुपालकों के द्वारा दुधारू पशुओं में खराब प्रबंधन के कारण थनों में इंफेक्शन होने से होता है, जिससे हमारे दैनिक जीवन में काम आने वाले दूध में संक्रमण का खतरा बना रहता है।
डॉ. मनीष ने बताया कि रोगी पशु को अन्य पशुओं से अलग कर दें तथा उसका दूध सबसे अंत में निकालें, ड्राई थैरेपी, दूध की लैबोरेट्री जांच, नजदीकी डॉक्टर से संपर्क कर पशुपालकों को ध्यान रखना चाहिए। प्रशिक्षण शिविर में पशु विज्ञान केंद्र के द्वारा लेबोरेटरी में पीएच स्ट्रिप टेस्ट, कैलिफोर्निया मैस्टाइटिस टेस्ट (सीएमटी) आदि दूध की जांच एवं मूत्र, गोबर, खून, ब्रूसेलोसिस की निःशुल्क जांच के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षण शिविर में कुल 43 पशुपालकों ने भाग लिया।
Tara Tandi
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