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जयपुर। राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस) की विजिलेंस टीम ने कोटा संभाग के कुछ जिलों में मेडिकल स्टोर पर दवा के बदले घरेलू सामान बेचने के मामले पकड़े हैं. इन दुकानों पर आरजीएचएस के तहत ऐसी सामग्री दी गई जो इस योजना में अमान्य है।योजना के परियोजना अधिकारी शिप्रा विक्रम ने बताया कि दवा कारोबारियों ने कुछ डॉक्टरों से भी सांठगांठ कर उन्हें दवाओं के बदले महंगी दवाएं लिखवायी हैं. वही डाॅक्टरों से महंगी से महंगी दवाएं लिखी जा रही हैं। ये विक्रेता कुल बिल राशि का लगभग 50 प्रतिशत तक घरेलू सामान लाभार्थियों को दे रहे थे। आरजीएचएस दवा वितरण मॉड्यूल को बंद कर इन सभी दवा विक्रेताओं का भुगतान रोक दिया गया है।
आरजीएचएस पूरे देश में अपनी तरह की एकमात्र योजना है, जिसमें लाभार्थी को घर के अंदर इलाज के साथ-साथ बाहरी परामर्श और दवाएं कैशलेस उपलब्ध कराई जा रही हैं। योजना के तहत अब अस्पताल व दवा दुकानों का दायरा बढ़ाकर प्रदेश के बाहर भी हितग्राहियों को स्वीकृति दी जा रही है। आरजीएचएस विजिलेंस टीम ने भरतपुर में निरीक्षण के दौरान कई जगहों पर फर्जीवाड़ा पकड़ा था। निरीक्षण में सामने आया कि डॉक्टर व मेडिकल स्टोर संचालक मिलीभगत से सरकारी खजाने से ठगी कर रहे हैं। इसके बाद कुछ कर्मचारियों को नोटिस भी जारी किया गया था।
इसमे शामिल है
- चौधरी मेडिकल स्टोर, अंता
- पोरवाल मेडिकल स्टोर, अंता
- विश्वामित्र मेडिकल स्टोर बकानी, झालावाड़
- शुभी मेडिकल स्टोर, रामगंजमंडी
शिव कृपा मेडिकल स्टोर, अंता
- पप्पन मेडिकल स्टोर, बारां
- गौतम मेडिकल स्टोर, कोटा
नव भारत मेडिकल स्टोर, झालरापाटन
- श्रीकुंज फार्मा, कोटा
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