Sawai Madhopur: रणथंभौर नेशनल पार्क में अवैध रूप से एक दर्जन लग्ज़री गाड़ियों की घुसपैठ
सवाई माधोपुर: सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर नेशनल पार्क में अवैध रूप से एक दर्जन लग्ज़री गाड़ियों की घुसपैठ करने का बड़ा मामला सामने आया है। इससे भी अधिक हैरत की बात यह है कि जंगल में अनुबंधित जिप्सी अथवा कैंटर में नहीं बल्कि स्कोर्पियो तथा थार जैसी गाड़ियां लेकर कुछ प्रभावशाली लोग रणथंभौर नेशनल पार्क के जॉन नंबर 8 में सफारी करने के लिए घुस गए। जिसका वीडियो भी वायरल हो रहा है। यही नहीं वायरल वीडियो में रणथंभौर के जंगल के भीतर गाड़ियों से उतरकर लोग चलते-फिरते भी नजर आ रहे हैं। जहाँ टाइगर का पूरा मूवमेंट रहता है। कोई बड़ी घटना भी इस दौरान घटित हो सकती थी।
इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। इस जगह बिना वन विभाग की इजाजत के जाना मुमकिन नहीं है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार एक दर्जन लग्जरी गाड़ियों में सवार होकर नेशनल पार्क के जॉन नंबर आठ में यह गाड़ियां सफारी करने कैसे पहुंच गई। रणथंभौर नेशनल पार्क बारिश काल में तीन महीने के लिए बंद है। हालांकि जॉन नंबर 6 से 10 के बीच केवल अनुबंधित वाहनों को ही वन विभाग की इजाजत से पार्क भ्रमण पर भेजा जा सकता है। लेकिन वीडियो में दिख रही स्कॉर्पियो थार जैसी गाड़ियों को जंगल में जाने की बिल्कुल भी इजाजत नहीं है। तब अपने प्रभाव का उपयोग करके यह लोग नेशनल पार्क के भीतर घुस गए। वन विभाग के अधिकारियों की मिली भगत के बिना रणथंभौर के जंगल मे इन गाड़ियों का घुसपैठ करना संभव नही है। क्योंकि रणथंभौर में सर्विलांस सिस्टम और एंटी पोचिंग सिस्टम लगा हुवा है। जिसके माध्यम से पूरे रणथंभौर पर वन विभाग की पैनी नजर रहती है और जंगल मे घटित होने वाले हर मूवमेंट पर नजर रहती है। ऐसे में यह बिल्कुल भी संभव नही है कि अधिकारियों की मेहरवानी के बिना एक भी गाड़ी जंगल में अवैध रूप से घुसपैठ कर सके। इन गाड़ियों के जंगल मे घुसने के पीछे वन विभाग के अधिकारियों की ही मिलीभगत हो सकती है।
इस मामले में वन विभाग के अधिकारी कुछ भी कहने से पूरी तरह कन्नी काट रहे हैं। गाड़ियां किसी एडवेंचर ग्रुप की बताई जा रही है। सभी गाड़ियों पर एडवेंचर लिखा हुआ है। ऐसे में मिली भगत और भ्रष्टाचार का कितना बड़ा खेल रणथंभौर नेशनल पार्क में चल रहा है, इन तस्वीरों से साफ देखने को मिल रहा है। यह वीडियो 15 अगस्त की शाम का बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार सभी गाड़ियां बालास चौकी से नेशनल पार्क में प्रवेश हुई तथा हिंदवाड के रास्ते होते हुए जंगल से बाहर निकली। जबकि यह पूरा इलाका क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट के अंतर्गत आता है। इस जगह किसी भी सूरत में किसी को भी आने जाने की इजाजत नहीं है। हालांकि वन विभाग इस मामले में कोई पुष्टि नहीं कर रहा है पर वायरल वीडियो अपने आप मे सब कुछ बयां कर रहा है।