झुंझुनू: झुंझुनूं के बाल वैज्ञानिक छात्र मेहुल शेखावत को 15 अगस्त पर जिला स्तर पर सम्मानित किया गया है। मेहुल जब 8वीं क्लास का स्टूडेंट था तब दिव्यांगों की सहूलियत के लिए खास बैसाखियां बनाई थीं। इसमें छाता, मोबाइल ग्रिपर, टॉर्च, पावर बैंक भी लगाया था।
ताकि दिव्यांग बारिश में भी आसानी चल सकें। मेहुल के मॉडल की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की गई थी। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने राष्ट्रीय इंस्पायर अवार्ड के लिए मेहुल का चयन किया था। इसके बाद बैसाखियों के मॉडल का चयन अंतरराष्ट्रीय स्तर के लिए किया गया।
छात्र मेहुल झुंझुनू के डूंडलोद पब्लिक स्कूल का छात्र है।
अब मिला सम्मान
एक बार मेहुल अपने पिता बलबीर सिंह के साथ झुंझुनूं के रेलवे स्टेशन पर बैठा हुआ था। इस दौरान एक दिव्यांग स्टेशन पर आया। उस वक्त बरसात हो रही थी। दिव्यांग बरसात में भीगा हुआ था। उसने दोनों हाथों से अपनी बैसाखी पकड़ रखी थी।
दिव्यांग को देखकर मेहुल के दिमाग में आइडिया आया। उसने अपनी बड़ी बहन अंकिता शेखावत से चर्चा की। उसने दिव्यांगों के लिए कुछ इनोवेटिव करने की इच्छा जाहिर की। इसके बाद मेहुल ने अपनी बहन अंकिता के साथ उस आइडिया पर काम करना शुरू कर दिया।