जोधपुर: एक लड़की की शादी सिर्फ 7 साल की उम्र में हो गई थी। पिछले 11 साल से वह बाल विवाह का दंश झेल रही थी। फिर सारथी ट्रस्ट के संपर्क में आई और अब कोर्ट ने उसके पक्ष में बाल विवाह निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया। सारथी ट्रस्ट और डा. कृति भारती ने बाल विवाह निरस्त करवाने का अर्ध शतक मार दिया है।
जोधपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र की निवासी का 11 साल पहले महज 7 साल की उम्र में बाल विवाह की बेड़ियों में जकड़ गई थी। बच्ची को बड़ी होने पर ही खुद के बाल विवाह के बारे में पता चला और अवसाद में चली गई। इस दौरान ससुराल वालों ने बच्ची गौना करवाने का दबाव बना दिया।
इस बीच पीड़िता के भाई को सारथी ट्रस्ट की बाल विवाह निरस्त की मुहिम के बारे में पता चला। परिवार और उसके भाई ने डॉ.कृति से मुलाकात कर खुद की पीड़ा बयां की। इसके बाद जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय संख्या 1 में वाद दायर किया गया।
पारिवारिक न्यायालय संख्या एक के न्यायाधीश मुज्जफर चौधरी ने 7 साल की उम्र में 11 साल पहले हुए बाल विवाह को निरस्त करने का फैसला सुनाया। न्यायाधीश चौधरी ने समाज को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि बाल विवाह का दंश कई पीढ़ियों तक झेलना पड़ता है। मासूमों पर बाल विवाह के सितम को रोकने में सबको समेकित जिम्मेदारी निभानी होगी।