अलवर। शाहजहांपुर-नीमराणा रिसॉर्ट प्रोजेक्ट फ्रॉड केस में आखिर वही हुआ, जिसका निवेशकों को डर था। वेदिका संजीवनी प्रोजेक्ट्स प्रा. लि. का पूर्व निदेशक संजय पसारी पुलिस को चकमा देकर लंदन भाग गया। वह पिछले 15-20 दिन तक राजस्थान पुलिस को भरोसा देता रहा कि इस केस की जांच में पूरा सहयोग करेगा। जल्दी ही वह इस केस से जुड़े सारे दस्तावेज एकत्रित कर लेगा।
इस गैंग से जुड़े अन्य लोग राजीव पसारी, राजकिशोर मोदी, सुजाता मोदी, सिद्धार्थ जयपुरिया और उसकी पत्नी स्मिता जयपुरिया भी फरार हो गए हैं। लेकिन, वे इंडिया में ही इधऱ-उधर छिपे हुए हैं। बता दें कि अलवर, जयपुर और नईदिल्ली के निवेशकों ने करोड़ों रुपए की ठगी के इस मामले की शाहजहांपुर में एफआईआर दर्ज कराई हुई है।
निवेशकों के मुताबिक संजय पसारी पिछले दिनों गत 28 जून को शाहजहांपुर आया था। उसने पुलिस को अपनी वेदना (झूठी कहानी) बताई और जांच में पूरा सहयोग करने एवं 15 दिन में कागज इकट्ठे कर लेने का भरोसा दिलाया था। कोलकाता पहुंच कर जब पुलिस ने उससे बात की तो बोला कि मैं लंदन आ गया हूं।
संजय पंसारी और उसके अन्य साथियों ने रिकॉर्ड में अपनी कंपनियों के जिस जगह के ऑफिस पते दिए हुए हैं, उन जगहों पर पुलिस गई तो वहां खंडहर बिल्डिंग, बंद फैक्ट्रियां आदि मिलीं। कोई भी ऑफिस चलता हुआ नहीं मिला।
न्यायिक सेवा के अफसरों से करवा रहा सिफारिशः
सूत्रों के मुताबिक फर्जी कंपनियां बनाकर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाली रैकेट का सरगना संजय पसारी राजस्थान न्यायिक सेवा के एक अफसर से सिफारिशें करवा रहा है। इसीलिए पुलिस उसे जांच में सहयोग के लिए दो नोटिस दे चुकी है। धारा 41 के दोनों ही नोटिसों की अवधि समाप्त हो चुकी है। लेकिन, वह जांच में सहयोग के लिए पुलिस के समक्ष हाजिर नहीं हुआ। बताते हैं कि पुलिस अब उन्हें फरार घोषित करके गिरफ्तारी वारंट जारी करवाने की कोशिश कर रही है।