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राजस्थान का सियासी पारा गर्म है और गहलोत खेमा बगावत कर चुका है. ऐसे में अब कांग्रेस आलाकमान कड़े कदम भी उठा सकते हैं। अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे की लिखित रिपोर्ट के बाद बगावती विधायकों पर एक्शन और राजस्थान में सीएम पद के लिये नाम फाइनल हो सकता है, हालांकि इस बीच कई विधायक और मंत्री के बड़े बयान सामने आये है। जिसमें प्रताप सिंह खाचरियावास प्रमुख है।
गहलोत सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने एक बार फिर कहा है कि सियासी संकट में होटल में बंद रहने वाले 102 विधायको में से किसी को सीएम बनाने का फैसला आलाकमान करता है तो हमे परेशानी नहीं लेकिन अमित शाह व धर्मेंद्र प्रधान से बात करके सरकार गिराने की कोशिश करने वालो को कमान सौपना मंजूर नहीं। प्रताप सिंह ने कहा कि जब सियासी संकट के दौरान विधायक के साथ अजय माकन भी थे, तब उनको पता था कि विधायक क्या चाहते थे। प्रताप सिंह ने कहा कि अशोक गहलोत के इस्तीफे की बात पर विधायकों में नाराजगी हुई। जो लोग मानेसर में गये उनमें सीएम स्वीकार नहीं। बीजेपी, शाह व धर्मेंद्र प्रधान के साथ मीटिंग करने वाले सीएम नहीं बन सकते। सचिन पायलट से नाराज़गी का सवाल नहीं है। लेकिन जो 102 विधायक तय करेंगे वही होगा। सोनिया गांधी के एक आह्वान पर हम भाजपा से लड़ने भिड़ने के लिए तैयार है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत ने किसी को कोई बयान देने के लिए नहीं कहा है। एक अशोक गहलोत को बनने में पचास साल लगे हैं। खाचरियावास ने कहा कि सीएम गहलोत ने हम सब विधायकों को समझाने की कोशिश की है। सीएम गहलोत ने कहा निर्णय सोनिया गांधी पर छोड़ा जाए लेकिन एक भी विधायक ने गहलोत की बात नहीं मानी है। विधायकों ने कहा आपने कहा था आप हमारे अभिभावक हैं लेकिन अब आप सही नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत बीच में फंस गये हैं। हमारे ख़िलाफ़ कोई नोटिस जारी होगा तो जवाब दिया जाएगा। हमें आलाकमान के फैसले का इंतजार है।
न्यूज़ क्रेडिट: aapkarajasthan
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