जोधपुर न्यूज: दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा दशहरा मैदान में रविवार को सत्संग का आयोजन किया गया। साध्वी अंजनि भारती ने कहा कि गुरु अपने शिष्यों की परीक्षा लेकर जीवन में आगे बढ़ने के लिए तैयार करते हैं। इसलिए परीक्षा से कभी घबराएं नहीं।
उन्होंने कहा कि आचार्य चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य को कठिन परिस्थितियों से गुजारा और चक्रवर्ती सम्राट बना दिया। गुरु रास्ते में ठोकर खा रहे एक अनगढ़ पत्थर को सुंदर मूर्ति बना देते हैं। गुरु का शिष्य के जीवन में ऐसा ही महत्व है।
सवाल यह उठता है कि ऐसे गुरु मिलेंगे कहां? उससे भी बड़ा सवाल है कि हम उन्हें पहचानेंगे कैसे? इसका जवाब है गुरु की पहचान उसकी वेशभूषा नहीं बल्कि उसका ज्ञान होता है। जब जगत गुरु भगवान कृष्ण ने अर्जुन को विराट रूप दिखाया तब तो अर्जुन का मन बहुत अशांत था और न ही उसने कोई तप किया था। इसलिए आज हमें जागरूक होने की जरूरत है। केरू गांव में 21 से 27 मई को दोपहर 2 से 6 बजे तक भागवत कथा भी होगी।