राजस्थान

सचिन पायलट के नई पार्टी बनाने से बीजेपी और कांग्रेस का बिगड़ सकता गणित

Tara Tandi
5 Jun 2023 11:03 AM GMT
सचिन पायलट के नई पार्टी बनाने से बीजेपी और कांग्रेस का बिगड़ सकता गणित
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राजस्थान में इस साल दिसबंर माह में विधानसभा के चुनाव होने वाले है और इसी बीच कांग्रेस के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के नई पार्टी बनाने की चर्चा जोरों पर है। सचिन पायलट के तेवर और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पायलट अब जल्द ही नई राजनीतिक पार्टी बनाने का ऐलान करने वाले हैं। आगामी 11 जून को सचिन पायलट की ओर से कोई न कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है, क्योंकि 11 जून का दिन उनके लिए खास मायने रखता है। 11 जून को सचिन पायलट के पिता स्वर्गीय राजेश पायलट की पुण्यतिथि है। इसलिए राजनीति में रुची रखने वाले हर व्यक्ति को 11 जून का इंतजार है। अगर सचिन पायलट नए राजनीतिक दल का गठन करके चुनावी मैदान में उतरते हैं तो न केवल कांग्रेस बल्कि कांग्रेस के साथ बीजेपी को भी होना तय है। राजस्थान विधानसभा की करीब 40 सीटें ऐसी हैं, जहां पायलट का अच्छा प्रभाव देखा जा रहा है। इन सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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राजस्थान के सवाई माधोपुर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, राजसमंद, करौली, दौसा, कोटा, टोक, बूंदी, झालावाड, चितौड़गढ़, अलवर, भरतपुर और झुंझुनूं जिलों में करीब 40 सीटें ऐसी हैं जहां गुर्जर मतदाता काफी संख्या में हैं। इस सीटों पर गुर्जर समाज बड़ी ताकत रखता है और प्रत्याशियों को जीताने हराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। सचिन पायलट गुर्जर समाज से है और समाज में उन्हें एक आदर्श नेता के रूप में मानता है। अगर सचिन पायलट नई पार्टी की घोषणा करते हैं तो बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों को बड़ा नुकसान होना तय माना जा रहा है।
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इसी साल 28 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी गुर्जर मतदाताओं को साधने के लिए राजस्थान दौरे पर आए थे। गुर्जर समाज के आराध्य देव देवनारायणजी की जयंती पर भीलवाड़ा के मालासेरी में आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी शामिल हुए थे। इस दौरान पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि 'आज कोई प्रधानमंत्री नहीं आया है, बल्कि आप ही की तरह पूरे भक्तिभाव से मैं भी एक सामान्य यात्रि की भांति यहां भगवान देवनारायण और जनता जनार्दन के दर्शन करने आया हूं।' पीएम मोदी की इस सभा में करीब एक लाख से ज्यादा लोग एकत्रित हुए थे। ऐसा नहीं है कि सचिन पायलट के अलग पार्टी बनाने से केवल गुर्जर बाहुल्य सीटें प्रभावित होंगी। पायलट के साथ 20 से ज्यादा ऐसे नेता जुड़े हुए हैं जो अलग अलग समाजों से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में राजनीतिक जानकारों का कहना है कि गुर्जर बाहुल्य 40 सीटों के अलावा 15 अन्य विधानसभा सीटों पर भी कांग्रेस और बीजेपी को नुकसान हो सकता है।
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