कोटा: कोटा राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी (RTU) कोटा के ठेका श्रमिक पिछले तीन दिनों से आंदोलन पर है। ठेका श्रमिको का 7 माह का पीएफ जमा नहीं हुआ है। जबकि 2 महीने से सेलरी को तरस रहे है। ठेका श्रमिको का आरोप है कि ठेका फर्म ने चालान पेश करके भुगतान उठा लिया है। प्रशासन ने नए टेंडर की विज्ञप्ति जारी कर दी है। ऐसे में ठेका श्रमिकों को परिवार चलाने में आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
ठेका श्रमिक योगेश ने बताया कि यूनिवर्सिटी में करीब 110 ठेका श्रमिक है। जो अलग अलग विभागों में लगे है। ठेका फर्म ने पिछले 7 महीने से श्रमिकों का पीएफ जमा नहीं करवाया है।इस सम्बंध में प्रशासन को लिखित में सूचना दी थी। लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। उसके बाद ठेकेदार ने श्रमिको का 2 महीने का वेतन रोक लिया। हम अभी आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे है। हमने थाने में भी परिवाद दिया है।प्रशासन की सदबुद्धि के लिए यूनिवर्सिटी परिसर में यज्ञ कर चुके। हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ कर चुके। अब चौथे दिन सुंदरकांड पाठ करेंगे।
सफाई व्यवस्था के आगे वार्ड पंच भी बेबस
सुकेत। कस्बे में सफाई व्यवस्था की समस्या बार-बार उजागर होती रहती है, लेकिन ग्राम पंचायत इस ओर विशेष रूप से कोई ध्यान नहीं दे रही है। जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर आमजन को गंदगी, बदबू व बीमारी दे रहे हैं। कस्बे की सफाई व्यवस्था व पंचायत की कार्यशैली के आगे अब वार्ड पंच भी बेबस नजर आने लगे हैं। वार्ड 19 में रहने वाले वार्ड पंच आसिफ खान के घर के पास खाली पड़ी जगह में कचरा इकट्ठा हो रहा है। पिछले 2 दिन से एक मवेशी यहां मृत पड़ा हुआ है। इसके लिए कई बार सफाई कर्मियों को अवगत कराया पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। आसिफ खान ने कहा कि मुख्य मार्गों पर लगे कचरे के ढेर लोगों की परेशानी बढ़ा रहे हैं।
बुजुर्ग फरीदुद्दीन ने बताया कि कुछ कचरे को रोज इकट्ठा कर जलाता हूं, लेकिन अभी बारिश के कारण ढेर लगता जा रहा है। वार्ड पंच आसिफ ने आरोप लगाया कि सरपंच व सचिव दोनों ही ग्राम पंचायत में उपस्थित नहीं मिलते हैं, जिससे आमजन की समस्या का समाधान करने वाला कोई नहीं है। सरपंच गोरधन मेहरा ने बताया कि जल्द सफाई सुचारू करवाई जाएगी।