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जोधपुर। सरदार पटेल पुलिस यूनिवर्सिटी से 9 साल से 2 करोड़ रुपये गायब गबन का आरोप तत्कालीन रजिस्ट्रार निर्मला मीणा पर लगाया गया था। गबन के चार साल बाद 2017 में एसीबी ने उसके खिलाफ केस भी दर्ज किया था, लेकिन अब तक न तो जांच पूरी हुई और न ही गायब रकम के संबंध में कुछ पता चला। करीब 10 माह पूर्व विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से सरकार को 2 करोड़ रुपये वसूलने के लिए पत्र भी लिखा गया था, लेकिन आज तक जवाब नहीं आया। अब यह मुद्दा विगत गुरुवार को हुई विश्वविद्यालय की प्रबंध समिति की बैठक में एक बार फिर उठा, जिसमें सदस्यों ने कहा कि एक बार फिर सरकार को पत्र लिखा जाए और राशि वसूली कर विश्वविद्यालय के खाते में जमा कराई जाए।
दरअसल, पुलिस यूनिवर्सिटी की ओर से 2013 में पटवारी भर्ती का आयोजन किया गया था। इस परीक्षा के एवज में पुलिस विश्वविद्यालय प्रशासन को राजस्व मंडल से राशि प्राप्त हुई थी। इस राशि में हेराफेरी की गई और कुल राशि में से दो करोड़ रुपये विवि के खाते में जमा ही नहीं किए गए। जिसका आरोप तत्कालीन रजिस्ट्रार निर्मला मीणा पर था। तब से यह मामला विवि प्रशासन के लिए पहेली बना हुआ है। अब दोबारा पत्र लिखने की कार्रवाई होगी। ऐसे में आर्थिक संकट से जूझ रहे पुलिस विश्वविद्यालय की गबन राशि की वसूली का इंतजार और लंबा हो सकता है। संभावना है कि प्रबंधन समिति की आगामी बैठक में दोबारा सरकार को पत्र लिखने की कार्रवाई की जाएगी।
फरवरी 2022 में हुई प्रबंध समिति की पिछली बैठक में सदस्य प्रो. एसएस टाक ने कहा था कि तत्कालीन रजिस्ट्रार द्वारा 2 करोड़ रुपये का गबन किया गया था। इस पर कार्रवाई होनी चाहिए। जिसके बाद प्रबंधन मंडल की ओर से मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को सर्वसम्मति से अर्धशासकीय पत्र लिखा गया। जिसमें विवि द्वारा दो करोड़ रुपये के गबन की जानकारी देते हुए लिखा गया कि संबंधित से उक्त राशि वसूल कर विवि के खाते में जमा कराने की कार्रवाई की जाएगी। लेकिन इस पत्र को भेजे हुए 9-10 महीने बीत चुके हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।

Admin4
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