उदयपुर: प्रदेश सरकार की ओर से महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट विकसित करने की बजट घाेषणा पर एक पखवाड़े बाद पर्यटन विभाग ने काम शुरू कर दिया है। विभाग ने इसके लिए आरटीडीसी काे डीपीआर तैयार करने के लिए एजेंसी तय किया है।
आरटीडीसी अब विभिन्न कंंपनियाें से रिपाेर्ट तैयार कर पर्यटन विभाग काे देगा। इसके बाद पर्यटन स्थल पर िवकास के काम हाेंगे। सरकार ने 8 फरवरी काे बजट घाेषणा में प्रताप सर्किट विकसित करने की घाेषणा की थी। इसमें 100 कराेड़ रुपए खर्च किए जाने हैं।
सर्किट के तहत महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े विभिन्न स्थलाें चावंड, हल्दीघाटी, गाेगुंदा, कुंभलगढ़, दिवेर और उदयपुर आदि काे शामिल किया गया था। लाेगाें की ओर प्रताप सर्किट में चित्ताैड़गढ़ काे शामिल करने की मांग थी। इसके बाद दिवेर के पास छापली और चित्ताैड़गढ़ काे भी इसमें शामिल किया गया है।
इन जगहाें पर म्यूजियम, पर्यटकाें के लिए मूलभुत सुविधाएं, कनेक्टिविटी सही करने जैसे काम हाेंगे। बता दें कि छापली काे मेवाड़ काॅम्पलेक्स के पहले और दूसरे फेज में शामिल किया गया था। चित्ताैड़गढ़ काे पहली बार इसमें शामिल किया गया।