उदयपुर न्यूज: जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग की साझेदारी में शुक्रवार को तीन दिवसीय मेवाड़ महोत्सव की शुरुआत हुई। पहले दिन गणगौर की सवारी निकाली गई। पारंपरिक वेश-भूषा में सजी-धजी महिलाएं सिर पर ईसर और गणगौर लेकर पिछोला झील के किनारे गणगौर घाट पहुंचीं। इस दौरान आकर्षण का केंद्र शाही गणगौर की नाव रही। शाम करीब 6 बजे बंसी घाट से पिछोला झील के गणगौर घाट तक शाही गणगौर नाव की शोभायात्रा निकाली गई।
संगीत व शहनाई के साथ शोभायात्रा निकाली गई। इस नाव में पारंपरिक परिधान में महिलाएं बैठी थीं। जिन्होंने ईसर-गणगौर की पूजा की। यहां बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद थीं। विदेशी पर्यटकों ने भी इस नजारे का खूब लुत्फ उठाया।
पारंपरिक वेश-भूषा में सजी-धजी महिलाएं सिर पर ईसर और गणगौर लेकर पिछोला झील के किनारे गणगौर घाट पहुंचीं। इस दौरान आकर्षण का केंद्र शाही गणगौर की नाव रही।
विभिन्न समाजों द्वारा गणगौर की शोभायात्रा निकाली गई
झील किनारे गणगौर घाट पर बड़ी संख्या में विभिन्न समाजों की महिलाएं पहुंचीं। यहां उन्होंने ईसर और गणगौर की पूजा की। महिलाएं राजस्थानी गीतों की धुनों पर नाचती-गाती हुई चल रही थीं। रास्ते में विदेशी पर्यटक भी इस नजारे को देखने के लिए खूब खिंचे चले आते थे। इसके बाद गणगौर घाट पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए, जिसमें कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुति दी। इसके बाद आतिशबाजी की गई।