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जयपुर I करवा चौथ के दिन रोडवेज बसों के करीब 10 से अधिक कंडक्टर छुट्टी पर चले गए। जिसके कारण राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम को रोडवेज बसों के करीब 5 रूट निरस्त करने पड़े। इसको निगम की कमी कहें या बस कंडक्टरों की लापरवाही। कारण कुछ भी हो लेकिन इसका खामियाजा रोडवेज में सफर करने वाले हज़ारो यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। बस कंडक्टरों के छुट्टी पर जाने से सरकारी तंत्र का ट्रांसपोर्ट सिस्टम पूरी तरह से गड़बड़ा गया है। जानकारी अनुसार झालावाड़ से मनोहरथाना, भानपुरा, दही नैनवा, चांदखेड़ी से जयपुर, सवाईमाधोपुर मार्ग की बसें निरस्त की गई। इन मार्गों पर रोजाना बड़ी संख्या में यात्रियों का आवागमन रहता है। लेकिन करवा चौथ पर बस कंडक्टरों की कमी के चलते इन मार्गों पर बसें निरस्त रहने से यात्रियों को परेशानी हो रही है साथ ही इससे सरकारी राजस्व को भी नुकसान हो रहा है । वहीं रोडवेज बस संचालन करने वाले अधिकारियों का कहना है कि बस कंडक्टरों के छुट्टी पर चले जाने के बावजूद भी यात्रियों को सुविधाएं देने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पहले नहीं थे ड्राइवर, अब कंडकटर अवकाश पर
बता दे कि प्रदेश में राजस्थान बस लगातार घाटे पर चल रही है और इनके पास बस ड्राइवरों, कंडक्टरों, तकनिकी कर्मचारियों की कमी का बड़ा टोटा है। रोडवेज लंबे समय से कर्मचारियों की कमी होने की मार झेल रही है। इसके बाद बस कंडक्टर छुट्टी पर चले गए है। आपको बता दे कि इससे पहले झालावाड़ से करीब 99 बसें प्रदेशभर के अतिरिक्त मध्य प्रदेश जाती थी। लेकिन आज करवा चौथ के दिन 65 से कम बसों का ही संचालन हो रहा है। प्रदेश के झालावाड़ डिपो को लंबे समय से नई बसों के नाम पर कुछ नहीं मिला है। ऐसे में अब रोडवेज खटारा बसों का पहिया निजी बसों से दौड़ में पिछड़ रहा है।
घाटे में दौड़ रहा रोडवेज का पहिया
राजस्थान रोडवेज का पहिया घाटे में दौड़ रहा है। यह घाटा राजस्थान रोडवेज करीब 5 वर्षों से झेल रही है। घाटे में चल रही रोडवेज का असर इसके कर्मचारियों, अधिकारियों पर भी देखा जा रहा है। यही वजह है कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों में रोडवेज कर्मियों के प्रदर्शन के चलते बसों का पहिया जाम रहता है। कर्मचारियों की मानें तो उन्हें सैलरी हर साल 3 माह के अंतर से मिल रही है, जिसको लेकर आए दिन कर्मचारी प्रदर्शन करते हुए दिखाई देते हैं। राजस्थान रोडवेज करीब साढ़े 4 हजार करोड़ से अधिक के घाटे में चल रही है।
रोडवेज से 135 करोड़ का राजस्व होता है प्राप्त
राजस्थान रोडवेज प्रबंधक, जयपुर को हर माह रोडवेज बसों से और अन्य माध्यमों से करीब 135 करोड़ का राजस्व प्राप्त होता है। लेकिन लागत इससे कहीं ज्यादा है। अधिकारियों की माने तो रोडवेज पर कार्मिकों के वेतन, पेंशन, डीजल, बैंक लोन अन्य खर्चों को मिलाकर करीब 190 करोड़ का खर्चा आता है। इससे पहले राजस्थान सरकार की ओर से रोडवेज को हर माह 25 करोड़ दिए जाते थे। सरकार की ओर से मिलने वाली यह राशि पिछले 5 माह से बंद हो चुकी है। इसके कारण रोडवेज बसों के साथ-साथ कर्मचारियों के हालात भी खराब हो चुके है।

Admin4
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