कोटा: शहर में होटल संचालक हो या हॉस्टल और मैरिज हॉल संचालक। स्वयं तो लाखों रुपए महीना कमाई कर रहे हैं और सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसी तरह का एक मामला सामने आया है शहर में संचालित रूफटॉप रेस्टोरंट का जो बिना नगर निगम की परमीशन के ही संचालित हो रहे हैं। शहर के नए कोटा क्षेत्र में ही महावीर नगऱ परिजात कॉलोनी, तलवंडी और केशवपुरा समेत कई क्षेत्रों में करीब एक दर्जन से अधिक रूफटॉप रेस्टोरेंट संचालित हो रहे है। जिनमें से एक भी रेस्टोरेंट को नगर निगम से कोई परमिशन ही नहीं है। बिना परमीशन के संचालित हो रहे इन रेस्टोरेंट से निगम को तो राजस्व का नुकसान हो ही रहा है। साथ ही उनमें सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। जिससे वहां आग लगने समेत किसी भी तरह का हादसा होने का खतरा बना हुआ है। दो दिन पहले परिजात कॉलोनी स्थित एक हॉस्टल की पहली मंजिल पर संचालित रूफटॉप रेस्टोरेंट मन्नत में देर रात शॉर्ट सर्किट से आग लगने की घटना हो चुकी है। हालत यह है कि रेस्टोरेंट में न तो जाने का रास्ता चौड़ा है और न ही आग से बुझाने के संसाधन। रेस्टोरेंट में आग लगने की सूचना पर जब तक निगम की दमकलें पहुंची और आग पर काबू पाया तब तक सारा सामान जल चुका था। नगर निगम के सीएफओ राकेश व्यास ने बताया कि रेस्टोरेंट में गैस सिलेंडर रखे हुए थे। सबसे पहले समय रहते उन्हें बाहर निकाला गया। यदि वे आग पकड़ लेते तो बड़ा हादसा हो सकता था। रेस्टोरेंट के नीचे संचालित हॉस्टल में कोचिंग छात्र रहते हैं। उनके साथ कोई अनहोनी हो सकती थी। व्यास ने बताया कि इस रेस्टोरेंट की जांच करने पर वहां भी न तो आग से बुझाने के पर्याप्त संसाधन थे और न ही फायर एनओसी। ऐसे में इस रेस्टोरेंट संचालक को भी नोटिस दिया जाएगा।
आधा भी लक्ष्य पूरा नहीं
नगर निगम कोटा दक्षिण में वित्तीय वर्ष 2022-23 में होटल , मैस व रेस्टोरेंट से आय का 10 लाख रूपए का लक्ष्य रखा गया था। जिसकी एवज में जनवरी तक निगम को मात्र 5.47 लाख रुपए ही प्राप्त हुए। उसके बावजूद भी निगम की ओर से आगामी वित्त वर्ष 2023-24 में फिर से इस मद में आय का लक्ष्य 10 लाख रुपए रखा गया है।
बोर्ड बैठक में उठाया था मुद्दा
इधर नए कोटा क्षेत्र के तलवंडी और केशवपुरा समेत कई क्षेत्रों में संचालित हो रहे रूफटॉप रेस्टोरेंट का मुद्दा नेता प्रतिपक्ष विवेक राजवंशी ने उठाया था। उन्होंने बैठक में निगम अधिकारियों से जानकारी चाही कि शहर में संचालित रूफटॉप रेस्टोरेंट को नगर निगम ने परमीशन दे रखी है क्या। इस पर महापौर ने निगम के उपायुक्त राजस्व दिनेश शर्मा से जब इस बारे में जवाब देने को कहा तो उन्होंने बताया कि उनकी जानकारी के हिसाब से किसी भी रूफटॉप रेस्टोरेंट को नगर निगम ने कोई परमीशन नहीं दे रखी है। इस पर राजवंशी ने कहा कि ऐसे में रूफटॉप पर संचालित रेस्टोरेंट के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इससे निगम को तो राजस्व का नुकसान हो ही रहा है। साथ ही वहां देर रात तक चलने वाले डीजे व आयोजनों से क्षेत्र के लोगों को परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है।
मात्र 50 को ही परमिशन
नगर निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोटा दक्षिण क्षेत्र में ही बड़ी संख्या में होटल व रेस्टोरेंट संचालित हो रहे हैं। लेकिन से करीब 50 होटल व रेस्टोरेंट को ही परमीशन है। यूडी टैक्स व फायर एनओसी होने के बाद ही निगम में पंजीयन के लिए आवेदन करना होता है। निगम में इसके लिए मात्र 20 हजार रूपए ही वार्षिक राशि जमा करवानी होती है। निगम अधिकारियों के अनुसार लेकिन फायर एनओसी व यूडी टैक्स जमा नहीं होने से अधिकतर होटल व रेस्टोरेंट संचालक पंजीयन के लिए आवेदन ही नहीं कर पाते हैं।
इनका कहना है
शहर में बिना परमीशन संचालत हो रहे रूफटॉप रेस्टोरेंट, होटल व मैस की जानकारी कवाई जाएगी। जो भी बिना परमीशन संचालित हो रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में राजस्व विभाग की टीम को निर्देशित किया जाएगा।
-राजीव अग्रवाल, महापौर, नगर निगम कोटा दक्षिण