एसएमएस हॉस्पिटल में अब जल्द रोबोट करेंगे मरीजों की सर्जरी
जयपुर: एसएमएस अस्पताल में अब जल्द ही रोबोट मरीजों की सर्जरी करते नजर आएंगे। आने वाले कुछ दिनों में अस्पताल में दो रोबोटिक मशीनें आएंगी, जो हॉस्पिटल के यूरोलॉजी और जनरल सर्जरी विभाग में सर्जरी के काम आएंगी। अगर ये मशीनें आती हैं तो एसएमएस प्रदेश का ऐसा पहला हॉस्पिटल होगा। हालांकि इन मशीनों की खरीद प्रक्रिया पर सवाल भी उठे हैं। आरोप है कि जिस टेंडर प्रक्रिया के तहत ये मशीनें खरीदी गई हैं, उसमें शर्ते ऐसी रखी गई थी जिसे केवल एक ही कंपनी पूरा कर रही थी। वहीं विशेषज्ञों के मुताबिक सर्जरी करने वाले रोबोट यानी मशीन एक कम्प्यूटर से कनेक्ट होती है, जिसे एक सर्जन नियंत्रित करता है। इस सिस्टम से टारगेट अंग पर सर्जरी के लिए रोबोट को कमांड दी जाती है। इस रोबोट में लगे हाई क्वॉलिटी कैमरों से विजिबिलटी और सटीकता काफी बेहतर हो जाती है। रोगी के शरीर में डाले गए इस विशेष कैमरे के जरिए आपरेटिव क्षेत्र का एक 3 डी इमेज भी तैयार किया जाता है, ताकि इसे अच्छे से देखकर वह अंग जिसकी सर्जरी करनी है के आसपास के टिश्यूज को कोई नुकसान न हो।
आपत्ति के बाद निरस्त कर दिया था टेंडर: दरअसल, रोबोटिक सर्जरी मशीन की खरीद के लिए पिछले साल आठ अगस्त को पहला टेंडर जारी किया गया था। इसके बाद 17 अगस्त को प्री-बिड बैठक हुई, लेकिन एक विदेशी कम्पनी की मशीन को ध्यान में रखकर तैयार टेंडर की शर्तों के कारण कोई भारतीय कम्पनी शामिल नहीं हो सकी। इस पर कमेटी के डॉक्टरों ने तो आपत्ति जताई। साथ में भारतीय कंपनियों ने भी विरोध जताते हुए टेंडर की शर्तों में संशोधन करके दोबारा जारी करने की मांग की। इसके बाद मेडिकल कॉलेज ने टेंडर को निरस्त कर दिया। फिर 29 अक्टूबर को वही टेंडर दोबारा किया गया और बिना किसी संशोधन के सिर्फ एक कम्पनी को तीन नवम्बर की प्री-बिड बैठक में बुलाया और अमेरिकी कम्पनी को ही वर्क आर्डर दे दिया गया। सूत्रों के अनुसार दोनों मशीनों की कीमत करीब 50 करोड़ रुपए है। वहीं एसएमएस के डॉक्टरों की मानें तो इस तरह की रोबोटिक सर्जरी की मशीनें इंडिया में कई कंपनियां बना रही है, जो 15 से 18 करोड़ रुपए में उपलब्ध करवा रही है। ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि अगर ओपन टेंडर किए जाते तो शायद ज्यादा बेहतर होता।