
भरतपुर। भरतपुर जिले में लगभग 52 घंटे तक हुई रिमझिम और भारी बरसात के बाद भरतपुर शहर सहित कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात नजर आने लगे हैं। वहीं, बयाना के गांव सिंघाडा में बीती रात्रि को एक पक्का मकान अचानक गिरकर धराशायी हो गया। भरतपुर शहर की अधिकांश सड़कें नदियां बन गई और निचले इलाकों में बनी कॉलोनियां तो पूरी तरह से जलमग्न हो गई। भारी बरसात के बाद एसपी ऑफिस और निवास पूरी तरह से जलमग्न हो गया और देर रात बंगले में पानी भरने की वजह से एसपी श्याम सिंह को एक होटल में शरण लेनी पड़ी। इसके अलावा जिला कलेक्ट्रेट, सर्किट हाउस, नगर निगम, यूआईटी, पुलिस परेड मैदान, कॉलेज ग्राउंड,मंडी परिसर सहित कई सरकारी कार्यालय पानी से लबालब नजर आए। शहर की विजयनगर, तिलक नगर, सुभाष नगर, गांधी नगर,जवाहर नगर आदि कॉलोनियों में भी बाढ़ जैसे हालात दिखाई दिए और जलभराव की समस्या लोगों के लिए मुसीबत बन गई।
मेले में नजर आए हालात बद से बदतर
श्री जसवंत प्रदर्शनी नुमाइश मेले की तो वहां के हालात बद से बदतर नजर आए। भारी बरसात ने पूरे नुमाइश मेले को तहस-नहस कर दिया है। मेले में बाहर से आए दुकानदार बारिश के पानी से बचने की मशक्कत करते हुए देखे गए। हालांकि नगर निगम द्वारा मेला मैदान से पानी खाली कराने का प्रयास तो किया गया लेकिन देर रात तेज बारिश होने के बाद हालात और ज्यादा बिगड़ गए।
भारी बारिश से किसान चिंतित
किसान की तो इस भारी बरसात ने किसान को कहीं का नहीं छोड़ा है और खेत बांध के स्वरूप में दिखाई दे रहे हैं। भारी बारिश ने किसान को खून के आंसू रुला दिया है। जिला प्रशासन और नगर निगम के अधिकारी व कर्मचारी ये नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर जलभराव की समस्या से निजात कैसे पाई जाए। अधिकारियों ने शहर के कई इलाकों का जायजा लिया है और जगह-जगह पंपसेट लगाकर पानी को खाली कराने का कार्य शुरू कराया गया है।
मंत्री गर्ग ने दिए जलभराव की समस्या दूर करने के निर्देश
इधर, तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने अतिवृष्टि को देखते हुए नगर निगम व अन्य विभागों के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आमजन को राहत देने के लिए अतिशीघ्र जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के कार्य शुरू किए जाएं। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा है कि वे धैर्य बनाए रखें और ऐसी आपात स्थिति में सरकार समस्या के समाधान कराने के लिए पूरे प्रयास कर रही है।
बयाना के गांव सिंघाडा में बीती रात्रि को एक पक्का मकान अचानक गिरकर धराशायी हो गया तो एक जने के पक्के मकान की पिछली दीवार गिरकर धराशायी हो गई। गांव निवासी सामाजिक कार्यकर्ता माखन पंडित ने बताया कि बीती रात्रि को गांव के पूर्व सरपंच सुरेन्द्र कुमार जाटव के पक्के दो मंजिला मकान का अगला हिस्सा गिरकर धराशायी हो गया। वहीं, उनके चाचा लालाराम के मकान की पिछली दीवार गिरकर धराशायी हो गई। गनीमत यह रही कि इन हादसों के समय दोनों परिवारों के सदस्य अपने अपने घरों के दूसरे कमरों में सोए हुए थे तथा पशु भी दूसरे स्थान पर बंधे हुए थे अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।
