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अजमेर। प्रदेश की एकमात्र हाई सिक्योरिटी जेल में निरुद्ध पाकिस्तानी बंदी रिजवान अशरफ का कोर्ट के आदेश से नार्को टेस्ट किया जाएगा। श्रीगंगानगर के कोर्ट ने इस संबंध में एक आदेश गुरुवार को जेल अधीक्षक पारस जांगिड़ के नाम जारी किए हैं। बंदी रिजवान को कड़ी पुलिस सुरक्षा में रविवार को नार्को टेस्ट के लिए गांधीनगर गुजरात ले जाया गया। 15 अक्टूबर तक बंदी रिजवान वही पर रहेगा।
हाई सिक्योरिटी जेल के अधीक्षक पारस जांगिड़ ने बताया कि पाकिस्तानी नागरिक बंदी रिजवान अशरफ के नार्को टेस्ट के संबंध में एक पत्र अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 2 से गंगानगर से प्राप्त हुआ है। इसकी पालना में बंदी को गांधीनगर गुजरात भेजा गया है।
नूपुर शर्मा के हत्या के इरादे से आया था
उल्लेखनीय है कि रिजवान को 16 जुलाई को बीएसएफ कि खरवा चौकी ने श्रीगंगानगर सेक्टर में भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पकड़ा था। उसने भाजपा की निलंबित नूपुर शर्मा की हत्या करने के इरादे से सरहद लादकर भारत में घुसपैठ की थी। सुरक्षा कारणों से उसे केंद्रीय कारागृह श्री गंगानगर से हाई सिक्योरिटी जेल स्थानांतरित किया गया था। बंदी को गत माह केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा काउंसलर एसे की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है।
उत्तरी पाकिस्तान का रहने वाला है आरोपी
पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम रिजवान अशरफ बताया था। वह उत्तरी पाकिस्तान के मंडी बहाउद्दीन शहर का रहने वाला है। उसने बताया कि नूपुर शर्मा की हत्या के इरादे से बॉर्डर क्रॉस किया। साजिश को अंजाम देने से पहले वह अजमेर दरगाह जाने वाला था। BSF ने आरोपी को स्थानीय पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने उसे स्थानीय कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे पांच दिन के लिए रिमांड पर भेज दिया गया।
समझिए क्या होता है नार्को टेस्ट ?
नार्को टेस्ट का प्रयोग किसी व्यक्ति से जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है। ऐसा व्यक्ति जो या तो उस जानकारी को प्रदान करने में असमर्थ होता है या फिर वो जानकारी देने को तैयार नहीं होता। दूसरे शब्दों में कहें तो यह किसी व्यक्ति के मन से सत्य निकलवाने लिए किया गया प्रयोग होता है। अधिकतर आपराधिक मामलों में ही नार्को परीक्षण का प्रयोग किया जाता है। हालांकि बहुत कम पर यह भी संभव है कि नार्को टेस्ट के दौरान भी व्यक्ति सच न बोले। इस टेस्ट में व्यक्ति को ट्रुथ सीरम दवा इंजेक्शन के द्वारा दिया जाता है जिससे व्यक्ति स्वाभाविक रूप से बोलता है। नार्को विश्लेषण एक फोरेंसिक परीक्षण होता है, जिसे जांच अधिकारी, मनोवैज्ञानिक, चिकित्सक और फॉरेंसिक विशेषज्ञ की उपस्थिति में किया जाता है।
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