रोंग साइडर्स व अस्त-व्यस्त ट्रैफिक से बढ़ा हादसों का खतरा
कोटा न्यूज़: शहर को ट्रैफिक सिग्नल फ्री बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं । ऐसे में मुख्य चौराहों से ट्रैफिक पुलिस कर्मी हटा लिए गए हैं। लेकिन इनकी गैर मौजूदगी में लोग अस्त-व्यस्त तरीके से घुसते हैं । ऐसे में चौराहों पर कई बार जाम लग जाता है। लोग परेशान होते रहते हैं। लेकिन उनकी परेशानी से निजाद दिलाने वाला उस समय कोई नहीं मिल पाता। सवेरे दस से 11 बजे और शाम छह से सात बजे तो शहर में ट्रैफिक के हालात खराब हो जाते हैं। कोढ़ में खाज रोंग साइडर्स और शार्ट कट से निकलने वाले कर देते हैं। ऐसे में हादसों का भी खतरा बना हुआ है। इसे देखते हुए शहर वासियों का कहना है कि सभी चौराहों पर ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए पुलिस के जवान तैनात किए जाने चाहिए। शहर में विकास व विस्तार के साथ ही आबादी और वाहनों की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है। हालत यह है कि शहर की सड़कों पर दो पहिया वाहनों से अधिक चार पहिया वाहनों को दौड़ते हुए देखा जा सकता है। हालांकि नगर विकास न्यास व स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत करवाए जा रहे विकास कार्यों के तहत सड़कों को चौड़ा करने के साथ ही अंडरपास व फ्लाई ओवर भी बनाए गए हैं। लेकिन जिस तरह से वाहनों की संख्या बढ़ी है उस हिसाब से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था फिलहाल गड़बड़ाई हुई है। सबसे अधिक ट्रैफिक की अव्यवस्था चौराहों पर देखने को मिल रही है। चौराहों पर कोई भी वाहन कहीं से भी आ रहा है। सबसे अधिक वाहन शॉर्ट कट के प्रयास में रोंग साइड से निकल रहे हैं। जिससे हादसों का खतरा बना हुआ है।
यह है चौराहों की हालत: शहर की झालावाड़ रोड को अनंतपुरा से स्टेशन तक ट्रैफिक लाइट सिग् नल फ्री बना दिया है। लेकिन उस कारण से कई नए चौराहे बन गए हैं। जिनमें सबसे अधिक ट्रैफिक की अव्यवस्था घोड़े वाले बाबा चौराहा, वल्लभ नगर चौराहा, ज्वाला तोप तिराहा, छावनी चौराहा, कोटड़ी चौराहा, नयापुरा स्थित विवेकानंद चौराहा, अग्रसेन चौराहा, अदालत चौराहा और कुन्हाड़ी स्थित महाराणा प्रताप सर्किल समेत अधिकतर चौराहों की यही हालत है। जहां दिनभर ट्रैफिक के अस्त-व्यस्त रहने से हमेशा हादसों का खतरा बना रहता है। इसके बाद भी अधिकतर चौराहों पर या तो ट्रैफिक पुलिस के जवान तैनात ही नहीं हैं या फिर मौजूद होने के बाद भी उनकी उपस्थिति का लाभ ट्रैफिक सुधार में नजर नहीं आ रहा है। लोगों का कहना है कि वर्तमान में चौराहों पर जिस तरह की हालत ट्रैफिक की है उस हिसाब से वाहनों का सुरक्षित निकलना किसी चुनौती से कम नहीं है।
नयापुरा समेत अधिकतर चौराहों पर ट्रैफिक व्यवस्था वर्तमान में बिगड़ी हुई है। वाहन रोंग साइड से व अस्त-व्यस्त तरीके से कहीं से भी आ जा रहे हैं। जिससे हादसों का खतरा बना हुआ है। हर चौराहे पर एक-दो ट्रैफिक के जवान मौजूद रहने चाहिए। जिससे पहले की तरह चौराहों पर ट्रैफिक को कंट्रोल व व्यवस्थित कर सके। ट्रैफिक पुलिस के जवान के मौजूद रहने से वाहन चालक भी डर के कारण सही तरीके से चलेंगे।
- लालचंद टांक, नयापुरा
जिस तरह से चौराहों की हालत है उस स्थिति में वहां से सुरक्षित निकलना किसी चुनौती से कम नहीं है। चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस कर्मी होने से वाहन चालक नियंत्रित रहते हैं। लेकिन ट्रैफिक पुलिस के जवान चौराहों पर ट्रैफिक कंट्रोल करने की जगह चालान बनाने में लगे हुए हैं। ट्रैफिक पुलिस के जवान चौराहों पर रहकर पूरा फोकस ट्रैफिक कंट्रोल पर ही करेंगे तो व्यवस्था में सुधार होगा।
- नरेश शर्मा, गुमानपुरा
भले ही शहर ट्रैफिक सिग् नल फ्री बना दिया है। लेकिन चौराहों पर ट्रैफिक संचालन के लिए ट्रैफिक पुलिस के जवान का मौजूद रहना आवश्यक है। इससे वाहन चालकों में अनुशासन बना रहता है। साथ ही रोंग साइड से आने वालों और बीच में वाहन घुसाकर ट्रैफिक व्यवस्था बिगाड़ने वालों को नियंत्रित करने में सुविधा रहती है।
- दिनेश रावल, श्रीपुरा
नए कोटा समेत शहर के अधिकतर चौराहों से वर्तमान में ट्रैफिक पुलिस के जवान ही हटा लिए गए हैं। ट्रैफिक पुलिस के नहीं होने से चौराहों पर व्यवस्था चरमराई हुई है। जहां पुलिस कर्मी तैनात भी हैं तो वे छिपकर खड़े रहते हैं और बिना हैलमेट वालों को पकड़ने के लिए दौड़ते हैं। जिससे बचने के प्रयास में वाहन चालक भागते हैं जिससे हादसों का खतरा बना हुआ है। ट्रैफिक पुलिस के जवान चौराहों पर रहेंगे तो ट्रैफिक में सुधार होगा।
- गिरधर नामा, विवेकानंद नगर
शहर के अधिकतर प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस के जवान तैनात हैं। वल्लभ नगर व ज्वाला तोप चौराहे पर स्थायी रूप से पुलिस कर्मी तैनात नहीं हैं। वहां ट्रैफिक अधिक होने या आवश्यकता होने पर जवान तैनात किए जाते हैं। ट्रैफिक पुलिस ने नफरी स्वीकृत से करीब आधी ही है। कोटा शहर के लिए 260 पुलिस कर्मियों की नफरी स्वीकृत है जिसमें से वर्तमान में मात्र 125 ही जवान हैं। नफरी कम होने से सभी चौराहों पर पुलिस कर्मी नहीं लग पाते। फिर भी जहां अधिक व्यवस्था गड़बड़ाई हुई है और आवश्यकता है वहां पुलिस के जवान तैनात किए जाएंगे।
- कालूराम वर्मा, उप अधीक्षक यातायात पुलिस कोटा