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कोटा में बालिका तस्करी के मामलों में आया उछाल

Admin Delhi 1
23 Jan 2023 1:45 PM GMT
कोटा में बालिका तस्करी के मामलों में आया उछाल
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कोटा: कोटा जिले में बालक बालिकाओं के गायब होने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। दुर्भाग्य की बात है कि किशोर वय की लड़कियों की तस्करी के मामलों में भारी इजाफा हुआ है। वर्ष 2020 में यह संख्या जहां 110 थी वहीं 2022 में बढ़कर यह संख्या 149 पर पहुंच गई। दूसरी तरफ अच्छी बात यह है कि मानव तस्करी यूनिट ने अपहृत व इनामी बालक-बालिकाओं को दस्तयाब करने में लगभग शत-प्रतिशत कामयाबी हासिल की है।

अभियान चलाकर किए दस्तयाब: तीन साल की तुलना में 1 जनवरी 2022 में 220 बालक-बालिकाएं गुमशुदा हुए थे, जो कि वर्ष 2020-2021 से 64 अधिक हैं। जबकि वर्ष 62 बालक और 158 बालिकाओं ने शहर के विभिन्न पुलिस थाना क्षेत्रों से अपना घर छोड़ा था। इसके अलावा एक जनवरी से 31 दिसंबर 2021 तक 44 बालक व 112 बालिकाओं ने घर छोड़ा था। वही 2020 में 35 बालकों व 110 बालिकाओं ने घर छोड़ा था। पुलिस आकड़ों के अनुसार तीन सालों में गुमशुदा बालक बालिकाओं की दस्तयाबी में मानव तस्करी विरोधी यूनिट कोटा के प्रभारी घनश्याम मीणा के नेतृत्व में टीम ने वर्ष 2022 में बच्चों की दस्तयाबी में 94.54 प्रतिशत की कामयाबी हासिल की है। जबकि 2021 में कोरोना काल के चलते पूरे वर्ष में 156 बच्चे लापता हुए थे। जिसमें सर्वाधिक बालिकाएं 112 लापता हो गई थी और 44 बालक अपने घरों को छोड़कर पलायन कर गए थे। जिसमें कार्रवाई करते हुए टीम ने 100 प्रतिशत बालक-बालिकाओं को दस्तयाब किया। लेकिन 2020 में 145 बालक-बालिकाएं लापता हुए थे। उसमें से 143 को दस्तयाब किया गया। इस वर्ष दो बच्चों को तलाश किया गया, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा है। पिछले साल 2021 की तुलना में 2022 में तीन बालक नौ बालिकाओं को तलाश किया जा रहा है। हालांकि 2022 में अब तक 208 बालक-बालिकाएं पलायन कर चुके हैं। इन बालक-बालिकाओं को टीम ने पुलिस मुख्यालय द्वारा हर साल अलग अलग खुशी, मिलाप आॅपरेशन के जरिए अभियान चलाकर दूर दराज से तलाश कर दस्तयाब किया गया।

इनामी बच्चों को किया दस्तयाब: पुलिस उप-अधीक्षक घनश्याम मीणा ने बताया कि पिछले वर्षों में लापता हुए बालक-बालिकाओं पर पुलिस द्वारा इनाम जारी किया गया था। ऐसे बच्चों को वर्ष 2022 में दस्तयाब किया गया। ुपलिस थाना आरकेपुरम क्षेत्र से वर्ष 2018 से लापता बालिका दस्तयाब नहीं हो रही थी। जिससे उस पर दो हजार का इनाम रखा गया था। इसी प्रकार से दादाबाड़ी थाना क्षेत्र से 2017 से लापता एक बालिका को पांच साल से कोई सुराग नहीं मिला था। इसके दस्तयाबी पर भी दो हजार रुपए का इनाम रखा गया था। थाना कुन्हाड़ी से तीन साल से लापता एक बालिका पर दो हजार, अनंतपुरा थाना क्षेत्र से एक साल से लापता एक बालिका पांच हजार का इनाम घोषित किया गया। पांच साल से ही अनंतपुरा से लापता बालिका पर भी दो हजार का इनाम रखा गया था। टीम ने वर्ष 2022 में सभी इनाम घोषित बालिकाआें को दस्तयाब किया गया। इस दौरान कई बालिकाओं को उनके माता-पिता तो कई को बालिका गृह में अस्थाई आश्रय दिया गया है।

इनका कहना है: आज के समय में बदलते परिवेश के चलते बच्चों में परिवर्तन हो रहा है। कई बार माता-पिता के द्वारा डांट देना तथा पढ़ाई के दबाव के चलते मोह भंग होने पर पलायन कर जाते हैं। इसके अलावा किशोर-किशोरियों में उम्र के अनुसार परिवर्तन होने और प्रेम प्रसंग के चक्कर में भी पलायन कर जाते हैं। साथ ही मोबाइल में गलत वीडियो देखना जैसे अनेक ऐसे मामले हैं जिसके कारण ही बालक-बालिकाएं पलायन कर जाते हैं।

-घनश्याम मीणा, डिप्टी एसपी एवं अनुसंधान अधिकारी मानव तस्करी विरोधी यूनिट कोटा

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