राजस्थान

राजस्व मंत्री दे सकते हैं इस्तीफा, ये है वजह

jantaserishta.com
27 Oct 2021 1:34 AM GMT
राजस्व मंत्री दे सकते हैं इस्तीफा, ये है वजह
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जयपुर. अशोक गहलोत सरकार के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी मंत्री पद छोड़ सकते हैं. चौधरी को हाल ही में हरीश रावत को हटाकर पंजाब कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया है. पंजाब राज्य का प्रभारी बनाये जाने के बाद हरीश चौधरी ने इस बात के संकेत दिये हैं कि वे 'एक पद-एक व्यक्ति' के सिद्धांत में विश्वास करते हैं. उसके बाद माना जा रहा है कि हरीश चौधरी आलाकमान से मिलकर मंत्री पद छोड़ने की पेशकश कर सकते हैं.

बाड़मेर के बायतू विधानसभा क्षेत्र से विधायक एवं गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री हरीश चौधरी राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं. वे पहले भी संगठन में काम कर चुके हैं. पंजाब प्रभारी बनाये जाने के बाद हरीश चौधरी ने एक मीडिया हाउस को दिये इंटरव्यू में कहा कि उन्हें पंजाब कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया है. यह फुल टाइम जॉब है. उनका पूरा फोकस पंजाब पर है. हरीश चौधरी इससे पहले पंजाब कांग्रेस के सहप्रभारी रह चुके हैं.
डोटासरा और रघु शर्मा के पास भी हैं दो-दो पद
उन्होंने 'एक पद-एक व्यक्ति' के सिद्धांत का समर्थन करते हुये इस दौरान साफ कहा कि वे यह बात केवल स्वयं के बारे में कह रहे हैं. इसे किसी दूसरे नेता से जोड़कर कतई नहीं देखा जाना चाहिये. अगर ऐसा होता हो तो पार्टी के अन्य उन नेताओं पर दबाव बनेगा जो एक साथ दो-दो पद संभाल रहे हैं. राजस्थान कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के पास शिक्षा राज्यमंत्री की जिम्मेदारी भी है. वहीं गुजरात कांग्रेस के प्रभारी बनाये गये डॉ. रघु शर्मा भी गहलोत सरकार में चिकित्सा मंत्री हैं.
सियासी गलियारों में यह कयास भी लगाया जा रहा है
एक कयास यह भी लगाया जा रहा है कि अगर हरीश चौधरी पद छोड़ते हैं तो उनके इलाके के दिग्गज जाट नेता हेमाराम चौधरी का मंत्री पद के लिये दावा मजबूत हो जायेगा. हरीश चौधरी बाड़मेर के बायतू से और हेमाराम चौधरी गुढ़ामालानी से विधायक हैं. हेमाराम चौधरी पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं
हेमाराम पायलट गुट के सिपाहसालर माने जाते हैं
इस बार हरीश चौधरी के मंत्री बनाये जाने के कारण हेमाराम चौधरी को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था. इससे वे आहत हुये थे और गत वर्ष उन्होंने इस्तीफे भी दे दिया था लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया था. हेमाराम चौधरी सचिन पायलट गुट के सिपाहसालर माने जाते हैं. वे राजस्थान में गत वर्ष गहलोत और पायलट के बीच हुई सियायी खींचतान में वक्त पायलट के साथ खड़े रहे थे.

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