सर्वे में हुआ खुलासा: झालावाड़ में सबसे अधिक 37.8 फीसदी लड़कियां बालिका वधू
बारां: नेशनल फैमिली हेल्थ के हालही में किए गए सर्वे 5 में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। तमाम रोक के बावजूद कोटा संभाग में बड़ी तादाद में बाल विवाह हो रहे है। सर्वे के मुताबिक कोटा की 20 से 24 साल उम्र तक की महिलाओं से बातचीत में सामने आया कि कोटा जिले में 13.2 फिसदी लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में हो जाती है। साथ ही पॉइंट 0. 50 प्रतिशत लड़कियां ऐसी है जो 15 से 19 साल की उम्र में मां बन गई है या गर्भवती हो चुकी है। सर्वे के अनुसार हाड़ौती में सबसे अधिक बाल विवाह झालावाड़ जिले में हो रहे है। सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार झालावाड़ में सबसे अधिक 37.8 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 से कम उम्र में हो गई है। जबकि 15 से 19 साल की उम्र में मां बनने और गर्भवती बनने वाली 5.6 फिसदी बेटियां है। इसी प्रकार बूंदी जिले में 34.1 प्रतिशत लड़कियां ऐसी है जिनका 18 साल की उम्र में विवाह हो चुका है। साथ ही 2.3 फिसदी लड़कियां ऐसी है तो 15 से 19 साल की उम्र में ही मां बन गई और गर्भवती हो चुकी है।
जबकि बारां जिले में 18 साल से कम उम्र में शादी होने वाली लड़कियों का प्रतिशत 26.8 है। साथ ही 15 से 19 साल की उम्र में मां बनने और गर्भवती होने वाली लड़कियां 3 फिसदी है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 5 के तहत कोटा में 20 से 24 साल की महिलाओं से बातचीत की गई। जिससे यह हैरत में डालने वाली बात सामने आई है। बाल विवाह रोकने के लिए सरकार ने कानून तो बना दिया लेकिन संबंधित विभाग इस कानून की पालना कराने को लेकर गंभीर नहीं है, जिसके चलते लोगों में बाल विवाह कराने को लेकर डर भी नहीं है। आज भी बड़ी संख्या में बाल विवाह किए जा रहे है। संबंधित विभाग मॉनिटरिंग भी नहीं कर पा रहे हैं। इसके चलते लोगों में अब कानून का डर नहीं रहा है। अबूझ मुहूर्त में आखातीज पर अब भी ग्रामीण क्षेत्रों में चोरी छूपे बाल विवाह हो रहे हैं। लेकिन यह जानकारी पुलिस व प्रशासन को नहीं मिल पा रही है।
एक साल में मिली तीन दर्जन शिकायतें
बारां जिले में बाल विवाह की पिछले साल करीब दो दर्जन से ज्यादा शिकायतें मिली हैं । जिनमें स्थानीय लोगों या रिश्तेदारों की जागरुकता के चलते बाल विवाह की शिकायतें विभाग को मिली तो मौके पर पहुंच कर बाल विवाह को रोका गया। जिले में पिछले 2011 से 2022 व 2023 तक समझाइश कर 110 बाल विवाह रोके गए जानकारी के एक दर्जन से अधिक पिछले साल शिकायतें मिली थी। इनमें से ज्यादातर शिकायतों का प्रशासन ने मौके पर पहुंच कर समझाइश से समाधान करवाया । सवाल यह है कि जब कानून बाल विवाह कराने पर कानूनी दंड दे रहा है तो लोग बाल विवाह करने से क्यों नहीं डर रहे हैं, यदि समय पर जानकारी नहीं मिलती तो ये बाल विवाह हो जाते और सैंकड़ों बच्चों का बचपन बर्बाद हो जाता।
बाल विवाह रोकने के लिए बनाई योजना
इस साल 22 अप्रैल को आखातीज है। आखातीज पर बाल विवाह होने की संभावनाओं के चलते बाल अधिकारिता विभाग की ओर से कवायद शुरू कर दी गई है। राष्ट्रीय बाल आयोग के निदेर्शानुसार विभाग की ओर से टैंट, पंडित, प्रिंटिंग कार्ड वाले, बैंडवाले, हलवाई सभी की बैठक लेकर बाल विवाह में काम करने पर रोक लगाई गई है।
टोल फ्री नंबर 1098 पर की जा सकती है शिकायत
बाल विवाह करवाने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यदि किसी व्यक्ति को बाल विवाह की सूचना मिलती हैं तो चाइल्ड लाइन के टोल फ्री नंबर 1098 पर शिकायत की जा सकती है। आखातीज पर बाल विवाह रोकने के लिए सभी ब्लॉक में बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। एसडीएम , तहसीलदार, आईसीडीएस की महिला सुपरवाइजर व सीडीपीओ को भी पाबंद किया गया है। शिकायत मिलते ही कार्रवाई की जाएगी।
-रवि मित्तल, सहायक निदेशक, महीला बाल विभाग, बारां