खुलासा: ड्राइवर के बेटे और चौकीदार के भतीजे ने साथियों के साथ मिलकर
जयपुर: शिप्रापथ इलाके में तीन दिन पूर्व होटल व्यवसायी का अपहरण करने वाले चार बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से एक फरार आरोपित हीरालाल मीणा की तलाश जारी है। इनके कब्जे से दो देसी कट्टे व तीन कारतूस और 24 लाख रुपए की नकदी बरामद और वारदात में प्रयुक्त कार जब्त कर ली है। पकडेÞ गए आरोपियों में एक आरोपी सुमन मीणा पूर्व में व्यापारी के यहां रहे ड्राइवर पंखी लाल मीणा का बेटा और चौकीदार लक्खीराम मीणा का भतीजा है।
गिरफ्तार सुमन मीणा उर्फ सुमन्त (27) बिजारी बाटोदा बामनवास सवाई माधोपुर किराएदार लूनियावास खोहनागोरियान, मुनेश कुमार मीणा (25) लालसोट दौसा, महेश शर्मा (19) मण्डावरी दौसा हाल किराएदार जवाहर नगर कच्ची बस्ती और नितेश मीणा मण्डावरी दौसा का रहने वाला है। वारदात में नितेश पुलिसवाला बना था। मुनेश मजदूरी करता है। महेश नर्सिंग कर रहा है और सुमन के खिलाफ बौली सवाई माधोपुर और प्रताप नगर में मुकदमा दर्ज है।
यह था मामला: होटल व्यवसायी और मानसरोवर निवासी अजय मंगल 10 जनवरी को सुबह करीब सवा दस बजे घर अपनी कार से रवाना हुए थे। वे करीब एक किमी पहुंचा थे कि पुलिस की वर्दी में सड़क पर खड़े एक व्यक्ति ने उसे हाथ का इशारा कर रुकवाया। उनके रुकते ही पीछे से स्विफ्ट कार में चार आदमी आए और उनको गाड़ी से उतार कर अपनी कार में बिठा लिया। इसके बाद मारपीट की और दो करोड़ रुपए की फिरौती मांगी। साढ़े तीन बजे तक 50 लाख रुपए की फिरौंती की रकम लेकर बदमाश फरार हो गए।
50 पुलिसकर्मियों ने किया खुलासा: पुलिस उपायुक्त दक्षिण योगेश गोयल ने बताया कि एडीसीपी भरतलाल मीणा, एसीपी मानसरोवर हरिशंकर, सीएसटी के आरपीएस चिरंजीलाल मीणाा, खलील अहमद शिप्रापथ थानाप्रभारी नेमीचंद की टीम ने जांच शुरू की। इस दौरान अलग-अलग टीमों ने तकनीकी तरीके से जांच कर आरोपियों को पता लगाया और अलग-अलग जगह दबिश देकर चार जनों को गिरफ्तार कर लिया।
पिता-चाचा वसूल चुके हैं 25 लाख रुपए: जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी सुमन मीणा के पिता पंखीलाल व चाचा लक्खीराम मीणा पीड़ित व्यवसायी अजय मंगल के यहां ड्राइवरी एवं चौकीदारी का काम करते थे। करीब 15 साल तक इन्होंने काम किया। अजय के पास रुपए देखकर इनके मन में लालच आ गया और एक मुकदमा दर्ज कराकर दोनों ने 25 लाख रुपए वसूल लिए और राजीनाम कर लिया। इसके बाद काम छोड़ दिया।
पिता-चाचा को देख की वारदात: सुमन मीणा ने अपने पिता और चाचा की ओर से की गई वसूली के आधार पर अजय मंगल का अपहरण कर मोटी रकम ऐंठने की प्लानिंग की। सुमन ने सीतापुरा में गार्ड की नौकरी करने वाले अपने साथी नितेश मीणा से बात की। उसने पुलिसवर्दी की व्यवस्था की। इसके बाद मुनेश और मुकेश को साथ लेकर साजिश रची। परिवादी के घर से होटल जाने तक रैकी की और 10 जनवरी को गाड़ी पर फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर वारदात की। वारदात के बाद आरोपियों ने गाड़ी को लूनियावास में छिपा दिया और खुद टैक्सी में घूमते रहे।