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Source: aapkarajasthan.com
राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स का कार्य बहिष्कार आज छठे दिन भी जारी है। वहीं अजमेर और उदयपुर के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने बॉन्ड नीति के विरोध में चल रहे आंदोलन को समर्थन दिया है। उदयपुर मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने रविवार से काम छोड़ दिया है. रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों की समस्या को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने एक्शन लेते हुए एपीओ चल रहे 111 चिकित्सकों को चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन करते हुए एसएमएस अस्पताल में लगाया गया है।
रविवार को रेजिडेंट डॉक्टर्स यूनियन की एसएमएस मेडिकल कॉलेज में ही प्रशासन से वार्ता हुई लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला है। इसके चलते रेजिडेंट की हड़ताल अब आगे भी जारी रहेगी। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के एसएमएस अस्पताल सहित 8 अस्पतालों में रोजाना करीब 15 हजार मरीजों की ओपीडी होती है। साथ ही रोजाना 400 से 500 ऑपरेशन होते है। अस्पताल में ओपीडी से लेकर आईपीडी और सर्जरी का अधिकांश काम रेजिडेंट डॉक्टर्स करते हैं। बीते पांच दिन से सम्पूर्ण हड़ताल के चलते मरीज परेशान हो रहे है। हड़ताल के चलते एसएमएस अस्पताल में ऑपरेशन टाले जा चुके हैं।
मरीजों को डॉक्टर ऑपरेशन की 1 माह बाद की तारीख दे रहे हैं, जिसके चलते मरीज निजी अस्पतालों में इलाज के लिए जा रहे हैं। रेजीडेट डॉक्टर्स की चिकित्सा शिक्षा से वार्ता करने पर सेवारत रेजिडेंट के मुद्दों पर सहमति बनी जबकि जार्ड ने बॉन्ड नीति को पूरी तरह समाप्त करने की मांग को लेकर सहमति नहीं जताई है। वार्ता के बाद से सेवारत रेजिडेंट और स्टूडेंट यूनियन ने काम पर लौटने की सहमति दिखाई, जिसको लेकर जार्ड के अध्यक्ष नीरज डामोर ने आरोप लगाते हुए कहा कि ब्यूरोकेट्स और सरकार मिलकर रेजिडेंट्स की एकता को कमजोर करने में लगी है। इसलिए कुछ डॉक्टर्स पर दबाव बना रही है।
Gulabi Jagat
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