राजस्थान
उदयपुर बोर्ड बोर्ड में नवीनीकृत की अनदेखी: एक प्लॉट दो को दिया
Ritisha Jaiswal
18 Sep 2023 10:38 AM GMT

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व्यावसायिक निर्धारण पर नियम लागू नहीं होता है।
उदयपुर: बोर्ड की ओर से सवीना-प्रथम योजना में कॉमर्शियल एशियाडों के बीच हैरान करने वाला मामला सामने आया है। विपक्ष: प्रदेश के इतिहास में भी यह पहला मामला होगा, जब बोर्ड ने पहले तो एक ही दल की दो अलग-अलग लोगों के नाम पर रजिस्ट्री करा दी। फिर 8 साल बाद दो सर्टिफ़िकेट सामने आए, लेकिन एक अवंती को तो वही मूल एस-10 दे दिया गया, जबकि दूसरे को सटा एज़क एस-11 दे दिया गया। जिसकी दूसरी परियोजना एस-11 बनाई गई थी, उसकी 8.64 वर्ग मीटर भूमि की आरक्षित कीमत 5.98 लाख रु. इनपुट कर में, जबकि बोर्ड का नियम यह दिया गया है कि वह आवासीय भूमि के प्रमुख 9.6 वर्ग मीटर के टुकड़ों को ही जमीन के स्ट्रिप में दे सकता है, किसी भी व्यावसायिक निर्धारण पर नियम लागू नहीं होता है।
उथल-पुथल की कोशिशों के बीच के शेयरधारकों में दो खेमे बोर्ड और ऑस्ट्रियाई सैलून के कारण यह चर्चा हुई है। अधिकारियों के एक पक्ष मामले से खुद को नामांकित करने की प्रक्रिया को गलत बताया जा रहा है और एक साल से अधिक समय तक काम करने की प्रक्रिया को गलत बताया जा रहा है, जबकि दूसरे पक्ष की प्रक्रिया को पूरी तरह से दस्तावेज किए बिना ही दस्तावेज पेश करने की प्रक्रिया को गलत बताया जा रहा है। है. इस मामले में प्रोजेक्ट प्रोजेक्ट इंजीनियर सीनियर (वर्तमान में डूंगरपुर में आवासन बोर्ड के प्रभारी) संजय चौबीसा से माेबाइल पर बात करनी चाही, लेकिन कई प्रयास के बावजूद उन्हाेंने काॅल अटेंड नहीं हुए। टेलीकॉम का भी जवाब नहीं दिया।
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Ritisha Jaiswal
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