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करौली। करौली में अमृत सरोवर योजना ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई, पशु पालन और पानी के लिए उपयोगी साबित हो रही है। अमृत सरोवर योजना से पुराने तालाबों, पोखरों की क्षमता बढ़ी है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में पशु-पक्षियों के लिए भी उपयोगी साबित हो रहे है। भांकरी ग्राम पंचायत के मार का पुरा में रियासत कालीन तालाब को अमृत योजना से ना सिर्फ पुनर्जीवन मिला है, बल्कि उसकी उपयोगिता में भी इजाफा हुआ है।
मार का पुरा गांव के ग्रामीणों ने बताया कि अमृत योजना के तहत तालाब में हुए काम से खेती के लिए सिंचाई की पानी की उपलब्धता बड़ी है। साथ ही लोगों के लिए दैनिक दिनचर्या और पशु-पक्षियों के लिए भी पानी की उपलब्धता में इजाफा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि पहले तालाब से करीब डेढ़ सौ से 200 बीघा खेतों की सिंचाई होती थी, लेकिन अमृत सरोवर योजना के तहत हुए काम के बाद 300 बीघा से अधिक खेतों की सिंचाई होने लगी है। जिससे रवी, खरीफ की गेंहू, सरसों, तिल आदि फसल को फायदा पहुंचा है। ग्राम पंचायत सचिव सुनील कुमार ने बताया कि जुलाई महीने में करीब 100 साल पुराने तालाब का अमृत योजना के तहत पाल निर्माण, खुदाई सहित विभिन्न कार्य कराए गए। इन कार्यों पर 14 लाख 54 हजार की राशि खर्च की गई।

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