राजस्थान

यूपीएससी की तर्ज पर हर साल होगी रीट की परीक्षा

Admin Delhi 1
8 Jun 2023 1:15 PM GMT
यूपीएससी की तर्ज पर हर साल होगी रीट की परीक्षा
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जयपुर: शहर के त्रिवेणी नगर के सामुदायिक केन्द्र में युवा बेरोजगारों का महासम्मेलन हुआ। इसमें शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने बेरोजगारों की मांगों पर उचित कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा कि राज्य सरकार एक लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरियां दे रही है। उन्होंने तो शिक्षा विभाग में 90 हजार भर्तियों का उल्लेख करते हुए यूपीएससी की तर्ज पर हर साल रीट की परीक्षा कराने की घोषणा की। इस दौरान बेरोजगार युवा बोले इस बार का चुनाव रोजगार, नौकरी और पेपर लीक के मुद्दे पर होंगे। आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने कहा कि युवाओं में मुख्यमंत्री की योजनाओं और भर्तियों को लेकर जोश है। युवा पीएम मोदी के झांसों को लेकर निराशा है। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि चुनाव है, वोटों की राजनीति है, युवा वोटों का डर दिखा रहा है।

आचार संहिता से पहले हो नियुक्ति: राज्य में एक लाख प्रक्रियाधीन भर्तियों में आचार संहिता से पहले नियुक्ति हो और इस बजट में जो एक लाख भर्तियों की घोषणा की गई थी, उसमें जल्द वर्गीकरण कर विज्ञप्ति जारी हो, ताकि अभ्यर्थी को पता रहे कि उसे किस प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करनी है। वहीं, विभिन्न आंदोलनों में बेरोजगारों पर लगे मुकदमों को वापस लेने, युवा बेरोजगार बोर्ड का गठन करने जैसी मांगों को लेकर सरकार के प्रतिनिधियों ने बेरोजगारों के 11 प्रतिनिधियों को सीएम से मुलाकात कराने का आश्वासन दिया है।

मंत्री कल्ला ने केन्द्र पर साधा निशाना: शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार ने अब तक डेढ़ लाख लोगों को रोजगार दिया। एक लाख लोगों की भर्ती और करने जा रहे हैं, जबकि दूसरी ओर केंद्र की सरकार ने हर साल दो करोड़ नौकरी देने का वादा किया था। ऐसे में 9 साल में अब तक 18 करोड़ लोगों को रोजगार मिल जाना चाहिए था, लोगों के खाते में 15 लाख डालने की बात कही गई थी, वो भी पूरी नहीं हुई। किसान की इनकम भी नहीं बढ़ी, महंगाई आसमान छू रही है, जबकि प्रदेश की कांग्रेस सरकार रोजगार देने वाली और महंगाई में राहत देने वाली सरकार है। राज्य में अकेले शिक्षा विभाग में 90 हजार भर्तियां हो रही है। इसके अलावा अन्य विभाग भी हैं। रीट में पद बढ़ाने को लेकर कहा कि पदों की संख्या हमेशा विद्यार्थियों, स्कूलों और रिक्त पदों के आधार पर की जाती है, जैसे-जैसे पदों की आवश्यकता होगी, वित्त विभाग से मंजूरी लेकर आगे से आगे प्रक्रिया शुरू कर देंगे।

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